गोरखपुर। ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ एवं ‘चौरी-चौरा’ शताब्दी वर्ष के अन्तर्गत भारतेन्दु नाट्य अकादमी, संस्कृति विभाग, उ0प्र0 एवं ज़िला प्रशासन, गोरखपुर द्वारा दिनांक 04 से 08 जनवरी, 2022 तक आयोजित ‘आज़ादी का रंगोत्सव’ कार्यक्रम के अन्तर्गत आज दिनांक 06 जनवरी, 2022 को सायं 4.30 बजे योगिराज बाबा गम्भीरनाथ मिनी प्रेक्षागृह एवं सांस्कृति केन्द्र, रामगढ़ ताल, जनपद-गोरखपुर में सूत्रधार, आज़मगढ़ द्वारा नाट्य प्रस्तुति ‘बोंधू अहीर’ का शानदार मंचन श्री अभिषेक पंडित के निर्देशन में किया गया। 
भारत की आज़ादी की लड़ाई में बहुत से नायक हुए हैं जिनके अमूल्य साहस और अमिट बलिदान के बूते ही हम आज आज़ाद हैं लेकिन इन महान विभूतियों के साथ देश के लगभग हर ज़िले-शहर में बहुत से ऐसे वीर भी शहीद हुए हैं जिनकी चर्चा इतिहास के पन्नों में धूल-धूसरित पड़ी है। ऐसा ही एक नाम आज़मगढ़ के 17वीं वाहिनी के सूबेदार रामदीन के बेटे ‘बोंधू अहीर’ का है जिन्होंने अपनी बहादुरी व चतुराई से सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में ज़िला-आज़मगढ के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करवाया। यह नाटक इसी गुमनाम क्रान्तिकारी वीर पर आधारित है जिसने 03 जून, 1857 को ईस्ट इंडिया कम्पनी का सबसे बड़ा ख़ज़ाना लूटते हुए आज़ादी के गदर में शामिल होने का एलान किया। इनके साथ इनके पुत्र रामटहल और होने वाले दामाद माधो सिंह ने भी मातृभूमि की आज़ादी में बड़ी ही बहादुरी के साथ अपनी आहुति दी। आज़मगढ़ के तत्कालीन 17वीं वाहिनी पैदल सेना के तमाम देश भक्त सिपाहियों के सहयोग से बोंधू अहीर ने गोरखपुर से आज़मगढ़ होते हुए बनारस जा रहे सात लाख रूपये के भारी-भरकम ख़ज़ाने को लूटा और लूट के बाद उस ख़ज़ाने का बहुत सारा हिस्सा नाना साहब को दिया। बोंधू सिंह के नेतृत्व में 17वीं बटालियन ने आज़मगढ़, फै़ज़ाबाद से लेकर कानपुर तक की लड़ाई लड़ी। अग्रेजों के द्वारा 1857 ईं0 के स्वतंत्रता संग्राम को कुचले जाने के बाद भी भारत मां का यह वीर सपूत वेष बदलकर जीता रहा। 
नाटक में बोंधू सिंह, बोंधू की पत्नी, शेख दलेल, माधो सिंह, राम टहल, बरोज, सार्जेन्ट लेबिस, पॉलिसर, मसखरा एवं नट-नटी की भूमिकाओं में क्रमशः हरिकेश मौर्य, डॉ0 अलका सिंह, रितेश रंजन, रामजन्म चतुर्वेदी, अखिलेश कुमार, सूरज कुमार, शुभम कुमार, सुग्रीव विश्वकर्मा, शशिकान्त कुमार एवं ममता पंडित ने प्रंशंसनीय अभिनय किया। अभिषेक पंडित के सराहनीय निर्देशन में नाटक ‘बोंधू अहीर’ में दीपक कुमार की प्रकाश संयोजना दृश्यानुरूप रही एवं नीरज कुशवाहा के संगीत ने दर्शकों को अन्त तक बांधे रखा। 

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