योगी सरकार द्वारा गठित उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड में सोनम उपाध्यक्ष सहित चार सदस्य नामित
सोनम को उपाध्यक्ष समेत गोरखपुर की कनकेश्वरी नंदगिरी, प्रयागराज की कौशल्या नंदगिरी, जौनपुर की मधु काजल और मो आरिफ पूजा कासगंज बनी प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य
गोरखपुर। उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने गत बुधवार को किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया। बोर्ड में लखनऊ की सोनम गुप्ता (चिश्ती) को बोर्ड का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। तो वहीं गोरखपुर की कनकेश्वरी नंदगिरी (किरण बाबा), कौशल्या नंदगिरी (टीना मां) प्रयागराज, मधु काजल जौनपुर और मोहम्मद आरिफ पूजा कासगंज को बोर्ड में बतौर सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इससे पहले बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, झारखंड भी इसी प्रकार बोर्ड गठित कर चुका है। बोर्ड के गठन पर किन्नर समाज के लोगों ने योगी सरकार के प्रति आभार जताया है। "सोनम का मानना है कि विधान सभा और लोक सभा में नेताओ से बेहतर कार्य एक किन्नर कर सकती है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने मुझे सोच से अधिक दिया है। इस सरकार ने किन्नर समुदाय का सम्मान बढ़ाया है। प्रदेश की पांच लाख किन्नरों द्वारा घर घर जा कर हल्दी और चावल बांट कर लोगों को भाजपा सरकार की उपलब्धियां बताई जाएगी।"
"किन्नर सोनम गुप्ता (सोनम चिश्ती) अमेठी की निवासी हैं और अपना आश्रम इन्होंने सुल्तानपुर में बना रखी हैं। काफी तेज तर्रार राजनीति गुणों से परिपूर्ण, सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहने वाली किन्नर सोनम ने अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ कर सुर्खियां बटोरी थी। विगत वर्ष 2014 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लोकसभा की चुनाव भी लड़ चुकी हैं। सोनम पहले सपा में रहते हुए अखिलेश यादव के लिए काम किया और अब भाजपा का दामन थाम पार्टी के लिए काम कर रही हैं। सोनम किन्नर का सपा में सुनवाई नहीं होने पर सपा दामन छोड़ अभी तीन माह पूर्व ही भाजपा ज्वाइन की हैं। भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मात्र तीन माह में सोनम को मंत्री की गद्दी पर बैठा दिया। बता दें कि प्रदेश सरकार में बोर्ड का उपाध्यक्ष का पद एक राज्यमंत्री की दर्जा प्राप्त है।"
महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंद गिरी (किरण बाबा)
बता दें कि "महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंदगिरी (किरण बाबा) का जन्म दक्षिणी भारत के विशाखा पट्टनम में हुआ। परंतु पालन पोषण बंगाल के आसनसोल में हुआ। बंगाल में पली और बढ़ी होने के कारण बंगाली सांस्कृतिक से कुछ अधिक ही लगाव है। महामंडलेश्वर की पद की गरिमा संभालने की पूर्व इनका नाम किरण घोष (किरण बाबा) था। जिसको आचार्य लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने शिक्षा दीक्षा दिलाने के बाद इनका नाम कनकेश्वरी नंदगिरी रख दी। तब से समाज में सनातन धर्म की अलख जगा रही हैं। वैसे तो समाज सेवा से इनका पुराना संबंध रहा है। बाढ़ में पीड़ितों को भोजन पानी के अलावा खाद्य सामग्री बाढ़ प्रभावित इलाकों में जा कर वितरित किया। कोरोना कॉल में मास्क, सेनेटाइजर और असहायों में खाद्य सामग्री निरंतर वितरित किया गया। इसके अलावा ठंड में अलाव जलाने व गरीबों में कंबल वितरित किया जाना और किसी भी निर्धन परिवार की कन्या के शादी में मदद करना इनके आचरण में भरा हुआ है। हिंदू सनातन धर्म से इनका खासा जुड़ाव है, इस आश्रम में षष्ठी व्रत यानि छट पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। इस दौरान 72 घंटे निर्जला व्रत रखते हुए घाट तक लगभग पांच किलो मीटर जमीन पर लेटते हुए पहुंचती हैं। बनवासी छात्रावास के बच्चों से विशेष लगाव है। इनका आश्रम वर्तमान में गोरखपुर जिले के पीपीगंज में स्थित है।"
सूत्रों के मुताबिक समाज कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में कुल 23 सदस्यीय बोर्ड बनाया गया है। समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव बोर्ड के संयोजक होंगे। इसके अतिरिक्त महिला कल्याण, वित्त, गृह, महिला एवं बाल विकास, चिकित्सा, ग्राम विकास, न्याय विभाग, नगर विकास, बेसिक तथा माध्यमिक व उच्च शिक्षा के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव लखनऊ के पुलिस आयुक्त के समुदाय, किन्नर समुदाय के पांच प्रतिनिधि व उनके लिए काम करने वाले एनजीओ के दो प्रतिनिधि बोर्ड के सदस्य बनाए गए हैं। साथ ही पांच किन्नर व एनजीओ के प्रतिनिधियों को मंत्री नामित करने करेंगे। गैर-आधिकारिक सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्षों का होगा।
बोर्ड का सदस्य सचिव, निदेशक समाज कल्याण होगा। इस बोर्ड के लिए प्रत्येक तीन महीनों में बैठक करना अनिवार्य होगा।
सूत्र बताते हैं कि इसी प्रकार जिलाधिकारी की देख-रेख में जिला स्तर पर भी 13 सदस्यीय समिति बनाई जाएगी। इस समिति की बैठक प्रतिमाह होगी। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनने वाली समिति में मुख्य चिकित्साधिकारी, अपर चिकित्साधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, निकाय अध्यक्ष, जिला प्रोबेशन अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी शामिल होंगे। इन सभी द्वारा नामित मनोवैज्ञानिक, किन्नर समुदाय के दो प्रतिनिधि सदस्य व जिला समाज कल्याण अधिकारी सदस्य सचिव होंगे।
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