महामंडलेश्वर ने अर्घ्य देकर अपने इष्ट देवता अर्धनारीश्वर से समाज की निरोग होने की कामना की

गोरखपुर। कार्तिक कृष्ण चतुर्थी रविवार को महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंद गिरी ने अपने आवास पीपीगंज में परंपरा रूप से आस्था व श्रद्धा के साथ अपने इष्ट देवता से देशवासियों के लिए निरोग काया की कामना की।

महामंडलेश्वर ने करवा चौथ का व्रत रखी और गौरी गणेश की पूजन चंद्र दर्शन कर अर्घ्य दिया। इसके साथ ही देशवासियों को निरोग की कामना की। दिन में चंद्रमा, अर्धनारीश्वर शिव, पार्वती, स्वामी कार्तिकेय और गौरा की पूजा की। शाम होते ही घर की दहलीज पर चांद की इंतजार में पूजन-अर्चन चलता रहा। चांद की दर्शन होते ही चेहरे खुशी से चमक उठे। उन्होंने सबसे पहले अपने इष्ट देवता अर्धनारीश्वर भगवान शिव से आराधना किया। फिर माता पार्वती से दो वर्षों से झेल रहे महामारी कोरोना से निजात दिलवाने के लिए सभी देशवासियों को निरोग काया के लिए मंगल कामना की।


प्रातः स्नानादि से निवृत्त होकर वस्त्र आभूषणों से सुसज्जित हुई। सिंगार किया। भक्ति भाव से गौरी, गणेश की पूजा की। पकवानों से भरे हुए दस मिट्टी के करवों को गणेश जी को अर्पित किया। साथ ही अर्धनारीश्वर भगवान शिव, माता पार्वती व कार्तिकेय की पूजा अर्चना की। इस दौरान उन्होंने दिन भर पानी की एक बूंद भी ग्रहण नहीं की। सायं काल पुनः गौरी गणेश की पूजा करने के बाद ठीक 7:52 बजे चंद्रमा के उदय होने पर अर्घ्य दिया और करवा से पूजा की। चंद्र दर्शन के बाद उन्होंने चलनी के झरोखे से अपने देवाधिदेव इष्ट देव अर्धनारीश्वर भगवान शिव के अश्कों को देखा और बड़ों का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद पके हुए आटे की गौर, दही व खीर के साथ व्रत तोड़ा। पूरे दिन उनके आवास पर भगवान शिव और माता पार्वती का भजन कीर्तन व पूजा अर्चन चलता रहा। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल होकर अपनी आस्था व श्रद्धा निवेदित की।

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