गोरखपुर। गोरक्षपीठ के प्रति ऐसा आस्था का सैलाब की मानो पूरा शहर उमड़ पड़ा हो। गोरखनाथ मंदिर में शुक्रवार को विजयादशमी की परंपरागत पूजा अर्चना निर्धारित समय से शुरू हुई। इसे लेकर गाजे-बाजे की ध्वनि मंदिर परिसर में बड़े सवेरे से ही गुजने लगी। सुबह 9 बजे गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ पूरे तीन दिन बाद आवास से निकले और ढोल-ताशे नगाड़े और तुरई की गूंज के बीच साधु संत के साथ गुरु गोरखनाथ के मंदिर पहुंचे। गुरु के शरण में पहुंचते ही घंट-घड़ियाल के बीच वेद मंत्र के स्वर गूंजने लगे। वहां योगी ने करीब एक घंटे तक पूरे विधि विधान से पूजा की। उसके बाद योगी मां दुर्गा के दरबार में गए और उनकी भी आराधना की। फिर उन्होंने बारी-बारी से मंदिर परिषद में मौजूद योगी संत के साथ-साथ श्रीनाथजी का विशेष अनुष्ठान व पूजन किया। मंदिर में सभी देवी-देवताओं तथा गौशाला में गायों की पूजा परंपरागत रूप से की गई। तत्पश्चात मंदिर कार्यालय के समीप स्थित तिलक हाल में योगी आदित्यनाथ जी का तिलकोत्सव कार्यक्रम संपन्न किया गया। कार्यक्रम दोपहर एक बजे से शुरू होकर जो तकरीबन 3 घंटे तक चला। इस दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं ने महंत जी का तिलक कर उनसे आशीर्वाद लिया। उसके बाद मंदिर परिसर से भव्य शोभायात्रा निकली।
जयकारे के बीच शोभा यात्रा मानसरोवर मंदिर पहुंची। जहां योगी आदित्यनाथ ने वैदिक मंत्रोचार के बीच भगवान शिव की आराधना की। पूजन-अनुष्ठान के बाद यात्रा अधिकारी बाग मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंची। यहां गोरक्षपीठाधीश्वर ने सबसे पहले मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का तिलक किया और आरती उतारी। उपस्थित लोगों को संबोधित कर अपना आशीर्वचन दिया। शोभा यात्रा पुराना गोरखपुर होते हुए पुनः गोरखनाथ मंदिर में वापस आकर संपन्न हुई। मंदिर में संत, पूज्य ब्राह्मणों एवं निर्धन-नारायण का सहभोज भंडारा आयोजित किया गया। जिसमें सभी लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
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