आचार्य पंडित राम कैलाश चौबे,
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपद से आषाढ़ गुप्त नवरात्रि शुरू होंगे। गुप्त नवरात्रि 11 जुलाई से शुरू होंगे और 18 जुलाई को समाप्त होंगे। चैत्र और शारदीय नवरात्रि की तरह ही गुप्त नवरात्रि में भी मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि में मां कालिके, मां तारा देवी, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, माता चित्रमस्ता, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूम्रवती, माता बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला देवी की पूजा की जाती है।
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्रि के लिए घटस्थापना 11 जुलाई 2021, दिन रविवार को की जाएगी। घटस्थापना के लिए सुबह 05 बजकर 31 मिनट से सुबह 07 बजकर 47 मिनट तक का सम शुभ है। इस साल घटस्थापना की कुल अवधि 02 घंटे 16 मिनट की है।
प्रतिपदा तिथि :
प्रतिपदा तिथि 10 जुलाई को सुबह 07 बजकर 47 मिनट से शुरू होगी, जो कि 11 जुलाई की सुबह 07 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक है।
पूजन सामग्री :
मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र, सिंदूर, केसर, कपूर, जौ, धूप,वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सुगंधित तेल, बंदनवार आम के पत्तों का, लाल पुष्प, दूर्वा, मेंहदी, बिंदी, सुपारी साबुत, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, आसन, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, कमलगट्टा, जौ, बंदनवार, दीपक, दीपबत्ती, नैवेद्य, मधु, शक्कर, पंचमेवा, जायफल, जावित्री, नारियल, आसन, रेत, मिट्टी, पान, लौंग, इलायची, कलश मिट्टी या पीतल का, हवन सामग्री, पूजन के लिए थाली, श्वेत वस्त्र , लाल वस्त्र, दूध, दही, ऋतुफल, सरसों सफेद और पीली, गंगाजल आदि। पं राजेश कुमार मिश्र उपाध्यक्ष भारतीय विद्वत महासंघ गोरखपुर उत्तर प्रदेश।
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