मुख्यमंत्री ने दिया आदेश: ज्यादा बिल वसूलने वाले अस्पतालों पर महामारी एक्ट में दर्ज होगी एफआईआर

 जनप्रतिनिधियों की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री ने डीएम को दिए आदेश, कहा- सख्ती बरतें

बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मंत्रीगण, सांसद-विधायक और मेयर
आगरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड और नॉन कोविड अस्पतालों में मरीजों से इलाज के नाम पर हो रही मनमानी वसूली पर रोक लगाने और सख्त कार्रवाई के आदेश जिलाधिकारी को दिए हैं। जनप्रतिनिधियों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री से अस्पतालों की शिकायत की थी। मुख्यमंत्री ने मोती कटरा स्थित राज्य क्षय रोग एवं प्रदर्शन केंद्र (एसटीडीसी) पर करीब डेढ़ घंटे स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की।
मेयर नवीन जैन ने मुख्यमंत्री से कहा, कोविड अस्पतालों में दो-दो दिन में दो से तीन लाख रुपये के बिल मरीजों से लिए जा रहे हैं। कोई अस्पताल तय कीमतों पर इलाज उपलब्ध नहीं करा रहा। गरीब मरीजों के लिए इलाज मुश्किल हो रहा है। अस्पतालों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो रही। सीएम ने डीएम प्रभु एन सिंह से पूछा, तो उन्होंने बताया कि एक अस्पताल को डिबार किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मरीजों की हर शिकायत की जांच कराई जाए। अस्पताल अगर तय कीमतों से अधिक वसूली करता है तो उसके विरुद्ध महामारी एक्ट में एफआईआर कराएं।
उन्होंने डीएम को कार्रवाई की छूट देते हुए कहा कि हर मरीज को बेहतर उपचार उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है। जो भी अस्पताल इसके आड़े आएंगे उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश, सांसद एसपी सिंह बघेल, राजकुमार चाहर, विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, योगेंद्र उपाध्याय, हेमलता दिवाकर, राम प्रताप चौहान आदि से शहर के हालातों का फीडबैक लिया।

सांसद से बोले- आंखों देखी बताइए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक में राज्यसभा सांसद हरद्वार दुबे ने अपनी पत्नी के टेस्ट से जुड़ा मेडिकल कॉलेज का मामला बताया। इसके बाद उन्होंने इटावा, फिरोजाबाद के वेंटिलेटर की बात की तो मुख्यमंत्री तल्ख लहजे में बोले कि कही-सुनी नहीं, केवल आंखों देखी बताइए। सांसद से उन्होंने दो मिनट में बात कहने के लिए कहा। इसके बाद सांसद ने अस्पतालों में हो रही दिक्कतों के बारे में बताया।

एक महीने पहले के रेट पर दी जाए ऑक्सीजन: बघेल
सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल ने मुख्यमंत्री से कहा कि लिक्विड की जगह हवा से बनने वाली ऑक्सीजन के प्लांट लगाए जाएं। जो प्लांट ऑक्सीजन बनाकर बेच रहे हैं, उनके रेट वही तय किए जाएं तो एक महीने पहले तक कोरोना की दूसरी लहर से पहले थे। ग्रामीण इलाकों में कोरोना फैल रहा है, उसका इलाज वहीं हो जाए।
प्रो. बघेल ने आगरा में डीआरडीओ का अस्पताल खोलने के लिए राज्य सरकार से मंजूरी देने को कहा, जहां गरीबों का नि:शुल्क इलाज हो सकेगा। आगरा में एमईएस, सेना का अस्पताल है और 3 ब्रिगेडियर भी बैठते हैं, जो मॉनीटरिंग कर सकते हैं। प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों से हो रही लूट पर उन्होंने सख्ती की मांग की।

निजी एंबुलेंस नहीं लें अधिक किराया
मुख्यमंत्री ने निजी एंबुलेंस के मरीजों से लिए जा रहे किराए के बारे में डीएम को निर्देश दिए कि कोई भी एंबुलेंस अधिक किराया नहीं वसूले। डीएम ने बताया कि एंबुलेंस का किराया तय कर दिया है। शुल्क सूची भी चस्पा की गई हैं। सीएम ने इनकी नियमित समीक्षा के आदेश दिए।

अस्पतालों का कराएं ऑडिट
कोविड और नॉन कोविड अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाएं, ऑक्सीजन, दवाओं और इलाज खर्च का ऑडिट कराने के आदेश मुख्यमंत्री ने डीएम को दिए हैं। उन्होंने कहा, जो अस्पताल अच्छा कार्य कर रहे हैं उन्हें प्रशासन सहयोग करे। जो गलत काम कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।


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