चन्द्रशेखर आजाद शहीद दिवस पर छायाचित्र प्रदर्शनी


चन्द्रशेखर आजाद शहीद दिवस के अवसर पर चैरी चैरा शताब्दी वर्ष एवं मिशन शक्ति के अन्तर्गत स्वतंत्रता आन्दोलन पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी

 



गोरखपुर। राजकीय बौद्ध संग्रहालय के संस्कृति विभाग द्वारा चन्द्रशेखर आजाद शहीद दिवस पर 27 फरवरी, 2021 को स्वतंत्रता आन्दोलन पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन गोरखपुर शहर के वरिष्ठ चिकित्सक एवं समाज सेवी डाॅ. रूप कुमार बनर्जी द्वारा चन्द्रशेखर आजाद के तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। उक्त अवसर पर विशिष्ट अतिथि श्री रघुवंश हिन्दू भी उपस्थित रहे।
ब्रिटिश साम्राज्यवाद के अधीन वर्षों से परतन्त्रता की जंजीरों में जकड़े भारतीय रणबाकुरों द्वारा स्वाधीनता हेतु 10 मई, 1857 को प्रारम्भ किया गया प्राणान्तक संघर्ष विभिन्न चरणों एवं विचारधाराओं के साथ निरन्तर प्रगति करता हुआ 15 अगस्त, 1947 को अपने लक्ष्य तक पहुॅंचा। देशभक्तिपूर्ण संघर्ष की इस वीरगाथा को समकालीन अभिलेखों एवं छायाचित्रों के माध्यम से राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर द्वारा आयोजित प्रदर्शनी में प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है। इस प्रदर्शनी का मूल उद्देश्य अपने मातृभूमि की रक्षा के लिए शहीद रणबांकुरों की कुर्बानी को नमन करते हुए नई पीढ़ी के युवाओं में देशप्रेम की भावना को जगाना व स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाये रखने का जज्बा पैदा करना है।
प्रदर्शनी में एक तरफ जहाॅं स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े क्रान्तिकारियों-मंगल पाण्डेय, तात्या टोपे, नाना साहब, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, वीर कुॅंवर सिंह, बिग्रेडियर ज्वाला प्रसाद, हाथों में बेड़ियां पहने चन्द्रशेखर आजाद, सरदार भगत सिंह, पं0 रामप्रसाद बिस्मिल, नेताजी सुभाष चन्द्रबोस के दुर्लभ छायाचित्र दर्शकों को आकृष्ट करते हैं। जो वर्तमान एवं भावी पीढ़ी के प्रेरणास्रोत हैं। देशभक्ति गीत ‘‘कदम-कदम बढ़ाये जा....‘‘  के कम्पोजर कैप्टन रामसिंह द्वारा गांधी जी के सामने वायलिन बजाते हुए, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, बिनोबा भावे के चित्र जनसामान्य के आकर्षण का केन्द्र है।
प्रदर्शनी में मेरठ, लखनऊ, कानपुर, झांसी में हुए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम- 1857 के दुर्लभ अभिलेखों के छायाचित्र भी लगाये गये हैं। जिसमें 10 मई 1857 को मेरठ में हुई क्रांति, झांसी की रानी की वीरगति एवं रेजीडेन्सी लखनऊ के विध्वंस के पश्चात का दृश्य, कानपुर में क्रान्ति का विस्फोट एवं झांसी में क्रान्ति का प्रारम्भ सहित स्वतंत्रता संग्राम एवं उससे जुड़ी घटनाओं को भी प्रदर्शित किया गया हैं, जिसमें औघड़नाथ मन्दिर में फकीर रूपी क्रान्ति के दूत को चर्बीयुक्त कारतूस के विषय में संदेश देते हुए, अश्वारोही रेजीमेन्ट के सिपाहियों द्वारा चर्बीयुक्त कारतूस के प्रयोग करने से इनकार करना 85 सैनिकों का सामूहिक कोर्ट मार्शल, मेरठ सदर बाजार के नागरिकों तथा कैन्टोनमेंट के कर्मचारियों द्वारा अंग्रेजों पर हमला, भारतीय सैनिकों द्वारा विरोध स्वरूप अपनी बैरकों में आग लगाना, परेड ग्राउण्ड से अश्व सेना के हथियार बन्द सिपाहियों द्वारा विक्टोरिया पार्क स्थित नई जेल तोड़कर 85 सैनिकों को मुक्त कराना, सतीचैरा घाट, कानपुर, मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर एवं उनकी बेगम जीनत महल के अतिरिक्त स्वतंत्रता संग्राम के मुख्य उद्घोष- ‘‘दिल्ली चलो‘‘ का नारा देते हुए सभी सिपाहियों का दिल्ली कूच करना आदि महत्वपूर्ण घटनाओं को छायाचित्रों के माध्यम से रोचक ढंग से प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी के माध्यम से विद्यार्थियों, विद्वतजन एवं जनसामान्य को वीर अमर शहीदों के देशप्रेम, धैर्य और बलिदान की एक झलक दिखाने का प्रयास किया गया है।
प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि डा0 रूप कुमार बनर्जी ने इस तरह के आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के लिए देशभक्तों के संघर्ष एवं तत्कालीन घटनाओं से सम्बन्धित छायाचित्र निश्चय ही हमारी राष्ट्रवादी भावनाओं को जगाने में सहायक सिद्ध होगी। विशिष्ट अतिथि रघुवंश हिन्दू ने कहा कि चन्द्रशेखर आजाद को याद करते हुए स्वतंत्रता आन्दोलन के साथ ही साथ चैरी चैरा शताब्दी वर्ष एवं महिला सशक्तिकरण के आयोजन भी समाहित करना उल्लेखनीय कार्य है। हम क्रान्तिवीरों को शत्-शत् नमन करते हैं। हमारा राष्ट्र अद्वितीय है, जहाॅं विभिन्नता में एकता है और यही एकता ही हमारी सबसे बड़ी धरोहर है। ‘हमारा अतीत ही भविष्य का शिक्षक है और यह कार्य संग्रहालय के बिना संभव नहीं है।‘ छात्र-छात्राएं संग्रहालय में प्रदर्शित इन दुर्लभ छायाचित्रों को अवश्य देखें।
संग्रहालय के उप निदेशक डाॅ0 मनोज कुमार गौतम ने कहा कि अभिलेख राष्ट्र की एक महत्वपूर्ण धरोहर है। इनकी सम्यक सुरक्षा एवं भावी पीढ़ी के उपयोगार्थ इनको संरक्षित रखना तथा जनसामान्य विशेष कर विद्यार्थियों में अभिलेखीय धरोहर के प्रति अभिरूचि उत्पन्न करना हमारा कर्तव्य है। डाॅ0 गौतम ने उक्त अवसर पर उपस्थित मुख्य अतिथि, समस्त सम्मानित जन एवं पत्रकार बन्धुओं का हार्दिक आभार प्रकट किया। कार्यक्रम के अन्त में संग्रहालय के उप निदेशक ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। यह प्रदर्शनी दिनांक 15 मार्च, 2021 तक कार्यालय दिवस में प्रातः 10.30 बजे से सायं 4.30 बजे तक जनसामान्य के अवलोकनार्थ खुली रहेगी।
कार्यक्रम में सुभाष चैधरी, डाॅ0 ओम प्रकाश मणि त्रिपाठी, अवधेश तिवारी, उमेश कुमार सिंह, विवेक मिश्र, मिलन माथुर, धीरज कुमार दूबे, वेद प्रकाश शाही, आशुतोष, जयनारायण चैबे, आकाश कुमार सिंह, शिवम यादव, आनन्द यादव, बृजेश पाण्डेय, बी0बी0 दास, ओम नारायण, अनिल कुमार पाण्डेय, ओम प्रकाश शुक्ल, भालचन्द्र मिश्रा, सन्तोष मिश्रा, श्रद्धा पाण्डेय, नीलम शुक्ला, प्रेमलता शुक्ला, शान्ति देवी, पूर्णिमा, शैल कुमारी, अनुराधा  की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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