इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर पी आई सी यू प्रभारियों का प्रशिक्षण

गोरखपुर आयुक्त जयंत नार्लीकर द्वारा ईटीसी में दो वर्षों में किये गए भर्ती एईएस मरीजो की समीक्षा किया गया

गोरखपुर। गोरखपुर मंड़ल के समस्त ईटीसी (इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर), मिनी पी आई सी यू एवम पी आई सी यू प्रभारियों का एनेक्सी भवन  में 27 फरवरी 2021 को एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण गोरखपुर स्तर से किया गया। मंडल के चिकित्सालयों में जेई एईएस रोगियों के उपचार को और बेहतर बनाने एवम शासन के दिशानिर्देश के अनुरूप चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इसे आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मंडल के चारो जनपदों के प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र के ईटीसी के लगभग 75 चिकित्सक प्रतिभाग किये।
उद्घाटन आयुक्त गोरखपुर मंडल श्री जयंत नार्लीकर द्वारा किया गया।  आयुक्त महोदय ने गोरखपुर मंडल के ईटीसी में गत दो वर्षों में भर्ती किये गए एईएस मरोजो की समीक्षा भी की। उन्होंने निर्देशित किया कि प्रत्येक ईटीसी 24x7 पूरी तरह के क्रियाशील रहे, मानक के अनुरूप एईएस रोगियों का इलाज हो, प्रत्येक निर्धारित जांच हो, एम्बुलेंस का उपयोग प्रत्येक रोगी के लिए हो तथा आशा की सहभागिता सुनिश्चित किया जाय।
डॉ के पी कुशवाहा, पूर्व प्रधानाचार्य बी आर डी मेडिकल कालेज, द्वारा उपचार की बारीकियों को समझाया गया।  आर एम आर सी के वैज्ञानिक डॉ कामरान जमान ने  मरीजो के आवश्यक जांच के संबंध में जानकारी दी तथा सैंपलिंग एवम ट्रांसपोर्टेशन विधियों को समझाया। पाथ संस्था के डॉ राहुल काम्बले ने सी आई एफ फॉर्म एवम डेथ ऑडिट के बारे में जानकारी दी। मुख्य चिकित्साधिकारी गोरखपुर डॉ सुधाकर पांडेय ने स्वास्थ्य केंद्रो से सैम्पल्स को मुख्यालय लाने के व्यवथा के बारे में बताया। अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ रक्षा रानी चतुर्वेदी ने ईटीसी चेकलिस्ट की समझाया। अपर निदेशक ने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप प्रत्येक संभावित एईएस रोगी की पांच जांचे - जेई, स्क्रब टायफस, मलेरिया, डेंगू और चिकुनगुनिया की निश्चित रूप से करानी होगी। ईटीसी का औचक निरीक्षण भी कराया जाएगा इसलिए मानक के अनुरूप इसे पूर्ण क्रियाशील रखा जाय। जेई एईएस एपिडेमियोलॉजी एवम मंडल के चिकित्सालयों में एईएस रोगियों के भर्ती के सम्वन्ध में जानकारी मंडल के नोडल अधिकारी डॉ वी के श्रीवास्तव द्वारा दी गई। डॉ श्रीवास्तव द्वारा कार्यक्रम का संचालन भिनकीय गया।

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