असुरन पोखरा में मकान बनवाने वाले सैकड़ों लोगों को राहत की उम्‍मीद, मामले में आया नया मोड़



गोरखपुर। असुरन पोखरे के दायरे में मकान बनाने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर है। उन्हें जमीन बेचने वाले ऋषभ जैन के पुत्र ने तहसील कार्यालय पहुंचकर एसडीएम/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर गौरव सिंह सोगरवाल को दो जगह चिन्हित जमीनों का प्रस्ताव सौंपा। तहसील प्रशासन की ओर से पैमाइश के बाद जमीन स्वीकार करने के बाद यह प्रकरण समाप्त हो जाएगा और कालोनी के लोगों को राहत मिल जाएगी।

एसडीएम को सौंपा गया पोखरे के बदले जमीन का कागज

शनिवार को भेड़ियागढ़ के पार्षद अजय यादव के साथ करीब 60 कालोनीवासी एसडीएम कार्यालय पहुंचे। वहां जमीन बेचने वाले ऋषभ जैन के पुत्र भी मौजूद थे। उन्होंने मानीराम के पास दौलतपुर एवं नौसढ़ क्षेत्र की एक-एक जमीन का प्रस्ताव दिया है। प्रशासन को 9.44 एकड़ जमीन दिया जाना है। प्रस्तावित जमीन की कीमत करीब दो करोड़ रुपये है। रविवार को दो और जमीन का प्रस्ताव दिया जाएगा। पार्षद अजय यादव ने बताया कि तहसील प्रशासन की ओर से जमीन स्वीकृत कर लेने के बाद यह प्रकरण समाप्त हो जाएगा। इससे लोगों को काफी राहत मिलेगी।

बने हैं 150 से अधिक मकान

असुरन पोखरा के दायरे में 150 से अधिक मकान बने हैं। यह पोखरा ऋषभ जैन के परिवार के नाम था। लेकिन, गलत तरीके से इसे पाटकर प्लाटिंग कर दी गई। लोगों ने यहां जमीन खरीदी और मकान बनवा लिया। तहसील से खारिज दाखिल होने, जीडीए से मानचित्र पास हो जाने के कारण भू उपयोग जलाशय होने का उन्हें आभास नहीं हुआ। यह प्रकरण 2010 में प्रकाश में आया था। उसी समय मंडलायुक्त के आदेश के बाद ऋषभ जैन ने पोखरे के बदले एक महीने में जमीन देने का शपथ पत्र दिया था। लेकिन जमीन नहीं दी गई थी।

"2010 में तत्कालीन मंडलायुक्त के आदेश के अनुपालन में जमीन देने को कहा गया था। आज जमीन बेचने वाले परिवार की ओर से दो जमीनों का प्रस्ताव दिया गया है। रविवार को दो और प्रस्ताव आने हैं। इसके बाद जमीन की पैमाइश कराकर उसकी जांच की जाएगी। सबकुछ सही होने पर जमीन को स्वीकार कर लिया जाएगा। इस तरह पोखरे के लिए जमीन मिल जाएगी"।

गौरव सिंह सोगरवाल, जवाइंट मजिस्ट्रेट सदर

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