- अब तक 253 नमूनों की हो चुकी है सीबीनाट मशीन से जांच
- 12 जनवरी तक मलिन बस्तियों में होगी क्षय रोगियों की खोज
संतकबीरनगर। पुनरीक्षित क्षय रोग नियन्त्रण कार्यक्रम के तहत जिले में चल रहे एक माह के विशेष अभियान के दूसरे चरण में सात दिनों में कुल 35 व्यक्ति ऐसे मिले हैं जिनके अन्दर क्षय रोग की पुष्टि हो गई है। विभिन्न टारगेट ग्रुप को ध्यान में रखकर चलाए जा रहे इस अभियान में अभी तक कुल 253 नमूनों की जांच की जा चुकी है। जिन लोगों में क्षय रोग की पुष्टि हो गई है उनके इलाज की प्रक्रिया के साथ ही निक्षय पोर्टल पर पोषण भत्ते की प्रक्रिया भी शुरु हो गई है ।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस डी ओझा ने बताया कि विभिन्न टारगेट ग्रुप को ध्यान में रखते हुए चलाए जा रहे इस अभियान का दूसरा चरण 2 जनवरी से शुरु हुआ। ग्रामीण और शहरी मलिन बस्तियों तथा सुदूर क्षेत्रों में चलाए जा रहे इस अभियान में कुल 80 टीमें बनाई गई है। इनमें कुल 16 सुपरवाइजर, 4 नोडल आफिसर तथा पर्यवेक्षण के लिए स्टेट टीमों के अधिकारियों के द्वारा दौरा किया जा रहा है। अब तक कुल दो लाख की आबादी के बीच संभावित क्षय रोगियों की जांच की गई है। इनमें अभी तक 35 लोग पाजिटिव पाए गए हैं।
मिले क्षय रोगियों का इलाज शुरु : अमित आनन्द
क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम जिला कार्यक्रम समन्वयक अमित आनन्द ने बताया कि इन रोगियों का इलाज तत्काल प्रभाव से शुरु कर दिया गया है। साथ ही साथ उनके डाट्स प्रोवाइडर भी नियुक्त कर दिए गए हैं जो उन्हें दवा खिलाने का काम करेगे। हर महीने 500 रुपए पोषण भत्ता देने के लिए आवश्यक कागजात कार्यवाही पूरी की जा रही है। टीमें पूरे मनोयोग से काम कर रही हैं। जिन टीमों ने क्षय रोगियों को खोजा है उन्हें प्रोत्साहन के रुप में 600 रुपए हर पाजिटिव केस पर दिया जाएगा। एक टीम में कुल 3 सदस्य हैं । यह रोज प्रति सदस्य मिलने वाले 150 रुपए के मानदेय के अतिरिक्त है।
ये लक्षण दिखें तो जरुर करा लें जांच
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एसडी ओझा ने बताया कि अगर किसी भी व्यक्ति के अन्दर टीबी के लक्षण मिलें तो वह बिना शर्म के जांच करा ले। इन 6 तरह के लक्षणों को नजरंदाज न करें। दो सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी आना। खांसी के साथ बलगम व बलगम के साथ खून आना। वजन का घटना। बुखार व सीने में दर्द, शाम के समय हल्का बुखार होना। रात में बेवजह पसीना आना। भूख कम लगने जैसी समस्या है तो अवश्य ही अपनी जांच करा लें। जांच के उपरान्त समय पर इलाज हो जाने से टीबी ठीक हो सकता है।
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