40 मिनट में दे सकते हैं किसी को जीवनदान, मिलेगी आत्मसंतुष्टि : डॉ. विजेंद्र कुमार



मौत को हरा कोविड चैंपियन बने चिकित्सक ने की प्लाज्मा डोनेशन के लिए अपील

प्लाज्मा डोनेट करने वाले 25 लोगों को सम्मानित करेंगे जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी

प्रेरित होकर 35 अन्य लोग भी प्लाज्मा डोनेशन के लिए आगे आए

सीतापुर आई हॉस्पिटल में आज लगेगा कैंप



गोरखपुर। अक्टूबर में जब डॉ. विजेंद्र कुमार तिवारी को कोविड ने मृत्यु के कगार तक पहुंचा दिया था तब बीआरडी मेडिकल कालेज के चिकित्सक डॉ. माहिम मित्तल ने उन्हें आईसीयू में जीवनदान दिया। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विजेंद्र का 40 फीसदी लंग खराब हो चुका था और वह आईसीयू में चले गये थे। स्वस्थ होने के बाद वह सामान्य दिनचर्या में थे कि इसी बीच जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन की देखरेख में चल रहे इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर (आईसीसीसी) से सुनीता पटेल उप जिला स्वास्थ शिक्षा एवं सूचना अधिकारी का उनके पास प्लाज्मा डोनेट कर किसी की जान बचाने का प्रस्ताव गया। जिंदगी की कीमत समझ चुके डॉ. विजेंद्र कुमार तिवारी ने फौरन हां कर दिया। नये साल में दो जनवरी को प्लाज्मा डोनेट कर उन्होंने कोविड मरीज को जीवन दिया। खुद की आत्मसंतुष्टि के बारे में बताते हुए उनका कहना है कि प्लाज्मा डोनेशन में महज 40 मिनट का समय लगता है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। लोगों को इसके लिए आगे आना चाहिए। 



डॉ. विजेंद्र कुमार तिवारी जैसे 25 प्लाज्मा डोनर्स को जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय सीतापुर आई हॉस्पिटल में शनिवार को सम्मानित करेंगे। इन 25 लोगों से प्रेरित होकर 35 अन्य लोग प्लाज्मा डोनेशन के लिए आगे आए हैं जिनकी मेडिकल जांच भी की जाएगी। सीतापुर आई हॉस्पिटल में प्लाज्मा डोनेशन के लिए कैंप भी लगाया जा रहा है, जिसमें कोई भी कोविड चैंपियन प्रतिभाग कर सकता है। डॉ. विजेंद्र कुमार तिवारी (9919885881) ने बताया कि उप जिला स्वास्थ्य़ शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल ने उन्हें प्लाज्मा डोनेशन के लिए सूचित किया था और समुचित जानकारी भी दी। चूंकि वह खुद चिकित्सक हैं, इसलिए वह स्वप्रेरित भाव से प्लाज्मा डोनेशन के लिए आगे आए। सभी कोविड चैंपियंस को इस कार्य के लिए आगे आना चाहिए। यह जीवन देने का नेक कार्य है। उन्होंने बताया कि प्लाज्मा डोनेशन से पहले ब्लड जांच की जाती है जिसमें यह देखा जाता है कि एंटीबॉडी बनी है या नहीं। एंटीबॉडी टाइटर का लेवल ठीक होने पर प्लाज्मा जांच की अनुमति दी जाती है। 

उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल का कहना है कि अब धीरे-धीरे लोग प्लाज्मा डोनेशन के लिए आगे आ रहे हैं। आईसीसीसी के लोगों द्वारा कोविड चैंपियंस को फोन करके इसके लिए तैयार किया जाता है। जो लोग तैयार हो जाते हैं उनकी ब्लड सैंपलिंग कर उन्हें मौका दिया जाता है। उन्होंने बताया कि जो लोग प्लाज्मा डोनेट करेंगे उन्हें मेडिवर डिजिटल हॉस्पीटल के सहयोग से 1100 रुपये के निःशुल्क ब्लड जांच और ऐसे व्यक्ति के परिवार के लिए 10000 रुपये तक के स्वास्थ्य कूपन का भी प्रावधान किया गया है जिसकी बैधता एक वर्ष रहेगी जिन लोगों ने प्लाज्मा डोनेट किया है उन्हें जिलाधिकारी द्वारा प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा। जो चैंपयिन प्लाज्मा डोनेट करना चाहते हैं वह मोबाइल नंबर 7518513339 और 9670559966 पर संपर्क कर सकते हैं।


कैंप में बढ़ चढ़ कर लें हिस्सा


कोविड चैंपियंस को आगे आकर प्लाज्मा डोनेशन करना चाहिए। इससे लोगों की जान बचायी जा सकती है। इसके लिए सीतापुर आई हॉस्पिटल में नौ जनवरी को कैंप लग रहा है। मेडिकल टीम वहां डोनर की जांच करेगी। जनपदवासियों से अपील है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस कैंप में प्रतिभाग करें।


के. विजयेंद्र पांडियन, जिलाधिकारी, गोरखपुर

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