-वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए आशा, संगिनी तथा एएनएम का हुआ संवेदीकरण
-संक्रामक रोगों के लक्षण, कारण, बचाव व निदान पर चर्चा, पाठ्य सामग्री वितरित
संतकबीरनगर, 18 दिसम्बर 2020। जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने कहा कि संक्रामक रोगों से बचाव में समय प्रबंधन नितांत आवश्यक है। समय के साथ बीमारी बढ़ती जाती है, इसलिए लोगों को इस बात के लिए जागरुक करें कि बुखार होने पर वह तुरन्त ही नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र जाकर चिकित्सक की सलाह से ही कोई दवा लें। किसी भी दशा में किसी झोलाछाप से या फिर खुद से ही मेडिकल स्टोर से कोई दवा लेकर न खाएं। जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर संक्रामक रोगों के जांच की प्राथमिक सुविधाएं हैं। अग्रिम पंक्ति के सभी कार्यकर्ताओं को लोगों के बीच इस बारे में जागरुकता फैलाने की जरुरत है। यह बातें जिला मलेरिया अधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैसर में वेक्टर जनित रोगों के सम्बन्ध में आयोजित संवेदीकरण कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहीं।
जेई-एईएस बीमारी के बारे में काम कर रही स्वयंसेवी संस्था पाथ के जिला समन्वयक देवचन्द श्रीवास्तव ने कार्यशाला के दौरान बताया कि आशा कार्यकर्ता व संगिनी लोगों को जागरुक करें कि स्वास्थ्य केन्द्र जाने में कोई भी परेशानी हो तो तुरन्त 108 नंबर एम्बुलेंस सेवा का सहयोग लेना है। जितनी जल्दी बीमार लोग स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंचेंगे, उतनी ही ज्यादा उनके संक्रामक रोगों की चपेट में आने की आशंका कम होगी। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीके सिंह ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैसर, मेंहदावल और खलीलाबाद में मिनी पीआईसीयू है, जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ईटीसी की सुविधा उपलब्ध है। जिला अस्पताल में 10 बेड का पीआईसीयू है। साथ ही जांच की सारी सुविधाएं तथा विशेषज्ञ चिकित्सक हैं, इसलिए बिना देर किए ही अस्पतालों में पहुंचवा कर बुखार के रोगियों को दवा दिलाएं। इस दौरान बीपीएम दीपक अवस्थी, मलेरिया इंस्पेक्टर संजय यादव के साथ ही 40 आशा कार्यकर्ता, संगिनी तथा 10 एएनएम व स्वास्थ्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
इसी क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पौली में भी सहायक मलेरिया अधिकारी सुनील चौधरी के निर्देशन में प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। जिसमें प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश चन्द्रा, बीसीपीएम राकेश, पाथ संस्था के समन्वयक प्रवेश उपाध्याय तथा मलेरिया इंस्पेक्टर दीपक यादव मौजूद रहे। प्रशिक्षण के दौरान मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, इंसेफेलाइटिस, फाइलेरिया जैसे रोगों से सम्बन्धित पाठ्य सामग्री का वितरण भी प्रशिक्षणार्थियों के बीच किया गया। इनमें रोगों के लक्षण , कारण, बचाव व निदान के बारे में विधिवत जानकारी दी गई है।
मिनी पीआईसीयू का किया निरीक्षण
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने इस दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैसर में स्थित मिनी पीआईसीयू का निरीक्षण भी किया। मिनी पीआईसीयू में मौजूद सारे उपकरणों को चलाकर देखा गया। साथ ही क्रास लिस्ट से उनमें मौजूद सामानों तथा दवाओं का मिलान भी किया गया। वहां पर तैनात स्टाफ नर्स से कार्य की दक्षता के बारे में जानकारी ली गई। जांच में सारे उपकरण सही पाए गए।
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