योगी सरकार ने पुलिस पर हमला करने और जीप फूंकने के आरोपी भाजपा नेताओं से केस वापस लिया

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार, पुलिस पर हमला, भारतीय जनता पार्टी

रामपुर में 2007 में पुलिस पर हमला करने और जीप जलाने का था मामला

एक आंदोलन के दौरान भीड़ ने किया था पथराव और फूंक दी थी जीप



लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वर्ष 2007 में पुलिस पर हमला करने और जीप जलाने के आरोपी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और रामपुर के मिलक नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्ष दीक्षा गंगवार और उनके पति नरेंद्र सिंह गंगवार के खिलाफ केस वापस ले लिया है। दीक्षा इस समय भाजपा की प्रदेश महिला मोर्चा शाखा की उपाध्यक्ष हैं और उन्होंने साल 2000 में समाजवादी पार्टी और 2006 में निर्दलीय पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीत चुकी हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 2007 में रामपुर में हुए इस मामले के 16 आरोपियों में भाजपा नेता और मिलक नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्ष दीक्षा गंगवार और उनके पति नरेंद्र सिंह गंगवार भी शामिल थे। दीक्षा भाजपा की प्रदेश महिला मोर्चा शाखा की उपाध्यक्ष हैं और यह दंपति साल 2004 में भाजपा में शामिल हो गए थे। वहीं इस मामले में रामपुर जिला सरकारी वकील दलविंदर सिंह ने कहा कि ‘मामले को वापस लेने के लिए राज्य सरकार की याचिका स्थानीय अदालत में 3 दिसंबर को दायर की गई थी। अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश रश्मि रानी ने सोमवार को आवेदन की अनुमति दी। बचाव पक्ष के वकील एसएस कपूर ने कहा कि अदालत अंतिम दलीलें सुन रही थी।

इस मामले में दीक्षा गंगवार का कहना है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित था। वहीं मुरादाबाद के भाजपा अध्यक्ष राज पाल सिंह चौहान ने कहा कि दीक्षा के पति पार्टी में कोई पद नहीं संभाल रहे हैं।अभियोजन पक्ष के अनुसार, मामला 27 जनवरी, 2007 का है जब रामपुर में लखनऊ-दिल्ली राजमार्ग पर शीरा (गन्ने का रस) लेकर जा रहा एक ट्रक दो युवकों पर चढ़ गया था। शीरा के कारण एक जीप सड़क पर फिसल गई। इस दौरान छह शिक्षा मित्र मारे गए जबकि अन्य अन्य घायल हो गए थे।

सड़क पर बह रहे शीरे को साफ़ नहीं करने के कारण परेशान, स्थानीय लोगों ने विरोध किया और पुलिस और सरकार के खिलाफ नारे लगाए। विरोध उस समय और भी भड़ गया जब दीक्षा और नरेंद्र अन्य लोगों के साथ वहां पहुंचे। मामला उस वक्त बिगड़ गया जब लोगों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव शुरू किया और निजी और पुलिस वाहनों में आग लगा दी। इस घटना पर पुलिस ने मिलक पुलिस स्टेशन में 16 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें दीक्षा और नरेंद्र और 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या और दंगा करने का प्रयास सहित विभिन्न आरोपों के तहत शामिल है। नरेंद्र अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया था और दीक्षा ने अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।



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