ईटीएस मशीन से केटीएस निर्देशक हरदोई द्वारा राजस्व निरीक्षक व वरिष्ठ लेखपालों को दिलाई गयी ट्रेनिंग*
डीएम देवरिया, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट देवरिया, सदर तहसीलदार गोरखपुर, तहसीलदार न्यायिक, प्रधानाचार्य मंडलीय प्रशिक्षण विद्यालय/तहसीलदार रहे मौजूद
गोरखपुर। मंडलीय राजस्व प्रशिक्षण विद्यालय पर केटीएस निदेशक हरदोई विजय कुमार सिंह द्वारा गोरखपुर व देवरिया जनपद के वरिष्ठ लेखपालो व राजस्व निरीक्षको को सीमा विवाद निपटाने में अहम भूमिका निभाने वाली इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन मशीन ((ईटीएस)) से जिलाधिकारी देवरिया अमित किशोर व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट देवरिया सुमित यादव के देखरेख में आए हुए वरिष्ठ लेखपालों व राजस्व निरीक्षकों को दी गयी ट्रेनिंग । सदियों से गांव-शहर में चेन व जरीब से होने वाली जमीनों की नपाई कुछ दिनों बाद इतिहास की बात हो जाएगी। सरकार ने जमीनों के सर्वे सीमांकन नक्शा मेंटेन करने के लिए उपयोग किए जा रहे पुराने तरीकों को बंद करने के आदेश दिए हैं। इनका स्थान अब इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन मशीन ((ईटीएस)) लेंगी। जिले में अब तक दो ईटीएस मशीन आ चुकी हैं लेकिन अप्रशिक्षित स्टाफ इन लाखों रुपए की मशीनों का इस्तेमाल नहीं कर पा रहा रहे थे इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन मशीन से ट्रेनिंग लेने के बाद इन दो मशीनों तथा आने वाली और मशीनों से ट्रेनिंग के बाद पुनः ईटीएस मशीन से प्रशिक्षित वरिष्ठ लेखपाल व राजस्व निरीक्षक को दे दिया जाएगा।
शासन के पुराने तरीकों से जमीनों की नपती से हो रही दिक्कतों को देखते हुए आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ((सीएलआर)) ने नई प्रणाली लागू कराने की कवायद शुरू कर दी ।फिलहाल जिले में नपाई के लिए जरीब ही इस्तेमाल की जा रही है लेकिन मशीन ऑपरेटिंग और इससे सही परिणाम पाने के लिए आर आई, पटवारी व अन्य मैदानी अमले को अब ट्रेनिंग दी जा रही है। गौरतलब है कि अब तक जमीन नापने के लिए प्रचलित चेन व जरीब से किए सीमांकन में अशुद्धता व गड़बड़ी की आशंका बनी रहती है। इस बात को शासन ने भी माना है। इसे दूर करने के लिए ही शासन ने जल्द से जल्द जमीनी माप की इस नई विधि को अपनाने के आदेश जारी किए हैं।
अब जमीन कम ज्यादा नहीं नाप सकेंगे पटवारी
जिले में हर साल पटवारियों द्वारा जमीन को गलत नापने या पुरानी नाप में जरीब व चेन के जरिए हेराफेरी करने के दर्जनों मामले सामने आते हैं। असल में जरीब व चेन के जरिए लंबी व टेड़ी नाप लेते समय जानबूझ कर या अंजाने में अशुद्धता की आशंका बनी रहती है। इसी वजह से अलग-अलग समय की गईं एक ही जमीन की नाप में अंतर आ जाता है। लेकिन नई मशीन से नाप की शुद्धता बढ़ सकेगी।
कम पड़ेंगी दो मशीनें
गोरखपुर। लेकिन इन मशीनों से जिले के विस्तृत भू भाग की नपाई आसान नहीं होगी। वैसे भी गोरखपुर जिले में तहसीलों की संख्या सात है। गोरखपुर जिले में 3453 राजस्व ग्राम व देवरिया में 2179 राजस्व ग्राम है ऐसे में इन दो मशीनों में से कौन सी, किसको और कब तक के लिए उपयोग करने दी जाए। यह विवाद का विषय बन सकता है। शासन द्वारा और मशीनें उपलब्ध हो जाने पर जनपद के सातों तहसीलों में मशीनें उपलब्ध करा दी जाएंगी जिससे भूमि विवाद का निस्तारण इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन मशीन से सुचारू रूप से किया जा सकेगा। मंडलीय प्रशिक्षण विद्यालय की प्रधानाचार्य नीलम तिवारी विद्यालय की दशा व दिशा दोनों बदलने का भरसक प्रयास किया है क्योंकि इससे पहले विद्यालय में गंदगी का अंबार लगा हुआ था नीलम तिवारी ने पदभार ग्रहण करने के बाद स्वच्छता व व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान देते हुए दशा व व्यवस्थाओं को सुधारने में अपनी अहम भूमिका निभाई है इनके ना रहने पर प्रशिक्षण विद्यालय के स्टाफ दशा एवं दिशा सुधारने व अन्य तकनीकी कार्यों को सुधारने में अहम भूमिका निभाने वाली श्रीमती तिवारी को जरूर एक बार याद करेंगे अब श्रीमती तिवारी के देखरेख में इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन मशीन से वरिष्ठ लेखपालों व राजस्व निरीक्षकों को ट्रेनिंग का लाभ दिया जा रहा है।। प्रशिक्षण के दौरान प्रधानाचार्य मंडली राजस्व प्रशिक्षण विद्यालय/ तहसीलदार नीलम तिवारी सदर तहसीलदार डॉक्टर संजीव दिक्षित तहसीलदार न्यायिक सुनीता गुप्ता आज प्रशिक्षण के दौरान व्यवस्था देख रहे सदर तहसील अमीन संघ अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद चौबे सहित अन्य संबंधित मौजूद रहे।
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