एक माह तक तीन चरणों में चले अभियान में कुल 767 नये टीबी रोगी ढूंढे जा चुके हैं

 निजी क्षेत्र में मिले 311 टीबी मरीज

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत ‘‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’’ थीम पर चला अभियान का तीसरा चरण

नये टीबी रोगियों को पोषण के लिए प्रति माह खाते में दिया जाएगा 500 रुपये


गोरखपुर। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में निजी क्षेत्रों से कुल 311 नये टीबी मरीज ढूंढे गये हैं। इसके लिए 13 जनवरी से लेकर 25 जनवरी तक जिले में अभियान चला कर निजी चिकित्सकों, लैब और कैमिस्ट से संपर्क किया गया था। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्र ने दी। उन्होंने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय की देखरेख में अभियान का तीसरा चरण भी सफलतापूर्वक चल सका। 25 दिसम्बर से लेकर 25 जनवरी के बीच ‘‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’’ थीम पर तीन अलग-अलग चरण में अभियान चलाए गये जिनमें कुल 767 नये टीबी रोगी खोजे जा चुके हैं। इन नये टीबी रोगियों का पंजीकरण निक्षय पोर्टल पर किया जा चुका है और इनके खाते में प्रतिमाह 500 रुपये भेजे जाएंगे। यह रकम पोषक खाद्य पदार्थों के सेवन के लिए दिया जाता है।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि तीसरे चरण के अभियान के दौरान कुल 430 निजी स्वास्थ्य इकाईयों, लैब और कैमिस्ट से संपर्क किया गया था। उन्हें बताया गया कि सभी प्राइवेट प्रैक्टीशनर टीबी मुक्त भारत में सहभागिता करते हुये क्षय रोगियों का नोटिफिकेशन करें, नहीं करने की दशा में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से होने वाले पंजीकरण के नवीनीकरण में अवरोध हो सकता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना जेड-28015/2/2012-टी.बी. दिनांक 16.03.2018 के अनुसार टीबी का नोटिफिकेशन नहीं करने पर भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45) की धाराओं 269 और 270 के उपबन्धों के तहत कार्यवाही हो सकती है।  

डॉ. मिश्र ने बताया कि निजी क्षेत्र के 103 स्वास्थ्य इकाईयों ने कुल 311 नये मरीजों को नोटिफाई किया। अभियान के दौरान 27 टीबी रोगियों को आठ नये चिकित्सकों ने नोटिफाई किया। जिन चिकित्सकों ने नये मरीजों को चिन्हित करवाया है उन्हें 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके अलावा अगर मरीजों का इलाज पूरा हो जाता है तो उन्हें 500 रुपये अतिरिक्त दिये जाएंगे। इससे पहले दूसरे चरण के अभियान में 8.64 लाख लोगों के बीच से टीबी के 444 नये रोगी और पहले चरण के अभियान के दौरान 2561 लोगों के सापेक्ष टीबी के 12 नये रोगी खोजे गये। तीनों चरणों का अभियान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चलाया गया। अभियान में उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विराट स्वरूप श्रीवास्तव, जिला कार्यक्रम समन्वयक धर्मवीर प्रताप सिंह, पीपीएम अभय नारायण मिश्र, स्वयंसेवी संस्था जीत सहित जिला स्तरीय टीम ने विशेष सहयोग किया।


टीबी के लक्षण को जानिये

अगर किसी को दो सप्ताह से ज्यादा का बुखार आने, 14 दिनों सें खाँसी आने, सीने में दर्द रहने, खाँसी के साथ मुंह से खून आने, भूख कम लगने, वजन के घटने, बच्चों में वजन के न बढ़ने और रात में पसीना आने जैसे लक्षण हैं तो यह टीबी का लक्षण हो सकता है। ऐसे लोगों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच करवानी चाहिए। अगर टीबी की पुष्टि हो जाए तो खांसते और छींकते समय टीश्यू पेपर या रूमाल का इस्तेमाल करना चाहिए। बलगम को मिट्टी से दबा देना चाहिए। अपने कपड़े आदि अलग इस्तेमाल करना चाहिए। जब तक पूरी दवा न हो जाए बीच में इलाज नहीं बंद करना चाहिए।

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