आरती पूजन के साथ रूद्राभिषेक की पूर्णाहुति

भगवान शिव और उनका नाम समस्त मंगलों का मूल है। वे कल्याण परम कल्याणमय हैं। समस्त विद्याओं के मूल स्थान भी भगवान शिव ही हैं। ज्ञान, बल, इच्छा और क्रिया शक्ति में भगवान शिव के जैसा कोई नहीं है। उक्त बातें जालान परिवार द्वारा आयोजित रुद्र महायज्ञ के सातवें दिन कोलकाता से आये आचार्य पं.भवेन्द्र पाठक ने कही उन्होंने कहाकि भगवान शिव सभी के मूल कारण, रक्षक, पालक तथा नियन्ता होने के कारण महेश्वर कहे जाते हैं। उनका आदि और अंत न होने से वे अनंत हैं। वे सभी पवित्रकारी पदार्थों को भी पवित्र करने वाले हैं। वे शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्तों के सुख, सम्पदा व मोक्ष की प्राप्ति कराते है। इस दौरान मुख्य यजमान भगवती जालान जी ने सपत्नीक गणेश-गौरी व पितृ पूजन किया। 

इसी क्रम में मोद आदि षडविनायक, षोडश मातृका, सप्तघृत मातृका, वास्तु देवता, योगिनी, छेत्रपाल, वरुण देवता, नवग्रह, लिंगतोभद्र, चतुर्वेवेद, द्वाद्श ज्योतिर्लिंग पूजन यजमान विकास जालान व अम्बरीश जालान ने सपत्नीक पूजन किया।

साथ ही यज्ञ पूर्णाहुति से पूर्व गुरु गोरक्षनाथ मन्दिर जाकर बाबा गोरक्षनाथ जी का पूजन अर्चन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। 

इस अवसर प्रधान पुजारी कमलनाथ, द्वारिका तिवारी, अनूप सराफ,  अनूप किशोर अग्रवाल, कमलेश अग्रवाल, अनूप खेतान, राजेश खेमका, सौरभ जालान, केशव जालान, हर्ष जालान, हर्षित खेतान, रामकिशुन, पं.कौशलेंद्र पाठक, शिवेन्द्र पाठक, सुनील पाठक, मन्टू झाा, दिगम्बर झा, बबलू झा, विनय गौतम आदि उपस्थित रहे।

रुद्र महायज्ञ की पूर्णाहुति से पूर्व गुरु गोरक्षनाथ जी का आशीर्वाद लेने पहुँचा जालान परिवार।

Comments