रुद्राभिषेक से होते हैं संपूर्ण मनोरथ पूर्ण : आचार्य भवेंद्र




गोरखपुर। वेदों में भगवान शिव का नाम ‘रुद्र’ के रूप में आया है। रुद्र का अर्थ होता है भयानक। रुद्र संहार के देवता और कल्याणकारी हैं। यह बातें जालान परिवार द्वारा आयोजित रुद्र महायज्ञ के दौरान कोलकाता से आये आचार्य पं. भवेन्द्र पाठक ने कही उन्होंने बताया कि भगवान शिव के सभी अवतार व्यक्ति को सुख, समृद्धि, भोग, मोक्ष प्रदान करने वाले एवं व्यक्ति की रक्षा करने वाले हैं। जिसमें महाकाल, ताराा, बालभुवनेश,  षोडशश्रीविद्येश, भैरव, छिन्नमस्तक, द्यूमवान, बगलामुख, मातंग व कमल है। साथ ही ग्यारह अवतार जिसमें कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, आपिर्बुध्य, शम्भू, चण्ड तथा भव है इन सब रूपों का ध्यान करके यदि कोई व्यक्ति भगवान शिव का अभिषेक करें तो उसे सम्पूर्ण मनोरथ की प्राप्ति होती है।

इस दौरान विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवान का रुद्राभिषेक भी हुुआ। मुख्य यजमान भगवती जालान ने सपत्नीक गणेश - गौरी व पितृ पूजन किया। इसी क्रम में मोद आदि षडविनायक ,षोडश मातृका , सप्तघृत मातृका , वास्तु देवताा, योगिनी ,छेत्रपाल , वरुण देवता , नवग्रह ,लिंगतोभद्र ,चतुर्वेद , द्वाद्श ज्योतिर्लिंग पूजन यजमान विकास जालान व अम्बरीश जालान ने सपत्नीक पूजन किया । इस अवसर अनूप खेतान, सौरभ जालान , केशव जालान , हर्ष जालान , हर्षित खेतान , रामकिशुन , पं.कौशलेंद्र पाठक , शिवेन्द्र पाठक , सुनील पाठक , मन्टू झा , दिगम्बर झा , बबलू झा आदि उपस्थित रहे।

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