गोरखपुर। फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर गोरखपुर उद्यान विभाग में ज्वाइनिंग करने पहुंचे दो युवक और उनके एक साथी को विभागीय कर्मियों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। कैंट पुलिस तीनों से पूछताछ कर रही है। ज्वाइनिंग करने पहुंचे युवकों ने तीसरे युवक पर नौकरी के नाम पर पैसा लेने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इस युवक ने जैसा कहा वैसा ही हमलोगों ने किया। हमें नहीं पता कि फर्जी नियुक्तिपत्र पर हम ज्वाइनिंग करने जा रहे हैं। पुलिस ने पूछताछ के आधार पर फर्जी नियुक्ति कर बेरोजगारों को ठगने वाले रैकेट की पड़ताल कर रही है। इस रैकेट का तार अन्य जिलों से भी जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है।
गोरखपुर जिला उद्यान अधिकारी बलजीत सिंह ने बताया कि करीब 11 दिन पहले डॉक से उनके पास चार लोगों का शपथपत्र आया था। इनमें तीन युवक और एक युवती का शपथपत्र शमालि था। गोरखपुर जिलाधिकारी के नाम दिए गए शपथपत्र और ज्वाइनिंग को लेकर दी गई जानकारी पर उन्हें संदेह हुआ तो उन्होंने जांच कराई। जांच में पता चला कि किसी भी युवक की नियुक्ति नहीं होनी है। विभाग ने उन युवकों के नाम और पते पर पत्र लिखकर इससे अवगत भी कराया हालांकि उसके बाद भी शनिवार को उनमें से दो युवक रवि यादव और किशोर मौर्या ज्वाइनिंग करने पहुंच आए। उनके साथ एक अन्य युवक नवीन कुमार भी था। फर्जी नियुक्ति में रैकेट का शक होने पर विभाग के कर्मचारियों ने उन्हें पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी। कैंट पुलिस ने तीनों युवकों हिरासत में ले लिया। युवकों ने जो शपथपत्र दिया था उसमें यह लिखा था कि उनकी ज्वाइनिंग पहले उद्यान विभाग प्रयागराज में होनी थी। ज्वाइनिंग की तिथि पर जब वे प्रयागराज गए तो वहां से बताया गया कि अब उन्हें गोरखपुर उद्यान विभाग में ज्वाइन करना है,उसके बाद यहां आए थे।
सीओ कैंट ने बताया कि ज्वाइन करने आए युवकों से अभी पूछताछ की जा रही है। रवि यादव निवासी धन्नीपुर जिला अयोध्याय का रहने वाला है जबकि किशोर मौया खरैया पोखरा गांगुली टोला बशारतपुर गोरखपुर का है। इनके साथ तीसरा युवक नवीन कुमार है जो कि गोरखपुर के रहिसेवकरपुर नम्बर का रहने वाला है। नवीन कुमार दोनों को ज्वाइन कराने साथ में आया था। रवि और किशोर का कहना है कि उन्होंने नौकरी के लिए पैसा दिया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में उद्यान विभाग में नियुक्ति निकली थी उस समय दोनों ने आवेदन किया था पर नौकरी नहीं लगी, उसी बीच नवीन से उनकी मुलाकात हुई। नवीन के पिता फैजाबाद में उद्यान विभाग में कर्मचारी थे। उसने नौकरी दिलाने का वायदा किया और ज्वाइनिंग से पहले क्लर्क के लिए 40 हजार तथा चतुर्थश्रेणी कर्मी के लिए 20 हजार रुपये की डिमांड रखी। बाकी पैसा ज्वाइनिंग के बाद देना था। दोनों ने यह रकम नवीन को हमलोगों ने दी है। उसी के कहने पर यहां आए थे। हालांकि दोनों ने यह नहीं बताया कि ज्वाइनिंग के बाद उन्हें कितना पैसा और देना है। बस यही कहा गया था बाद की रकम के बारे में ज्वाइनिंग के बाद बताया जाएगा। नवीन से पुलिस उसके रैकेट के बारे में पूछताछ कर रही है। सीओ कैंट ने बताया कि अभी पूछताछ की जा रही है। जांच के बाद ही पता चलेगा कि यह कितना बड़ा रैकेट है।
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