जयघोष के साथ हुई बप्पा की विदाई, दस दिनों तक पूजा अर्चना के बाद अन्नत चतुर्दशी को गणेश प्रतिमा विसर्जित

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हुआ गणपति का विसर्जन



गोरखपुर। गणेश चतुर्थी के दसवें दिन शहर के विभिन्न घरों में स्थापित गजानन महाराज का विसर्जन बेहद सादगी के साथ हुआ। चार-पांच की संख्या में श्रद्धालुओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन किया। इस दौरान किसी तरह का जुलूस और डीजे आदि बिलकुल भी नहीं दिखा। विसर्जन के दौरान श्रद्धालु सिर्फ भजन-कीर्तन करते ही बेहद सादगी के साथ प्रतिमाओं को विसर्जित किए।



गौरतलब है कि शहर के घासीकटरा दुर्गा मंदिर पर बेहद धूमधाम से आयोजित होने वाला गणेश पूजा इस बार बिलकुल फीका नजर आया। हालांकि मंदिर की जगह इस बार यह प्रतिमा महामंत्री पंकज गुप्ता के घासीकटरा चौक स्तिथ आवास पर स्थापित हुई थी। घर में स्थापित इस छोटी प्रतिमा का इस साल श्रद्धालु दर्शन भी नहीं कर सके। हालांकि समिति की ओर से पूरे दस दिनों तक भगवान गणेश का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया और आज सोमवार को राप्ती नदी में विसर्जन किया गया। समिति के अध्यक्ष सुधाकर मोदनवाल ने बताया कि लगातार 18 वर्षों की परंपरा को कायम रखते हुए इस बार कोविड-19 की वजह से सभी तरह के कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए थे। सिर्फ पूजन के लिए छोटी-छोटी प्रतिमा मेरे और महामंत्री पंकज गुप्ता के घर पर स्थापित की गई थी। जहां किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश पूरी तरह वर्जित था। दस दिनों तक घर में पूजन अर्चन के बाद सोमवार को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दोनों प्रतिमाओं का विसर्जन कर दिया गया। इस दौरान किसी तरह का जलूस नहीं निकला गया था। सिर्फ समिति के पांच-छह सदस्य ही इसमें शामिल हुए। उन्होंने कहा कि गणपति बप्पा की कृपा से जल्द ही देश को कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से मुक्ति मिल जाएगी और उनकी कृपा से हर साल की अपेक्षा अगले और भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।



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