- होम आइसोलेशन में उपचाराधीन कोरोना मरीज की दोबारा जांच नहीं होगी-सीएमओ
- दस दिनों के पश्चात और 3 दिनों तक बुखार न आने पर अगले सात दिन भी घर पर रहना होगा
- होम आइसोलेशन की समाप्ति के बाद शासन से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार टेस्ट आवश्यक नहीं
गोरखपुर, 04 अगस्त 2020। होम आइसोलेशन का विकल्प चुनने वाले लक्षणविहीन कोरोना मरीजों की आइसोलेशन की अवधि पूरी होने के बाद दोबारा कोरोना जांच नहीं कराई जाएगी। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने कहा है कि शासन से ऐसे ही दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं, हांलाकि इसके साथ कुछ शर्तें भी हैं। उन्होंने बताया कि मरीज जब दस दिन होम आइसोलेट रह कर स्वस्थ हो जाएगा और दस दिनों पश्चात तथा 3 दिन पहले यदि बुखार नहीं आता है तो अगले 7 दिनों तक उसे घर पर ही रखा जाएगा और स्वास्थ्य संबंधित स्क्रीनिंग के पश्चात ही कोरोना मुक्त घोषित किया जाएगा। ऐसे लोगों के पुनः कोरोना जांच की आवश्यकता नहीं है।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने शासन स्तर से लक्षणरहित कोरोना उपचाराधीन मरीजों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इन दिशा-निर्देशों के अनुसार ही इस सुविधा का विकल्प चुनने की स्वतंत्रता है। उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन के दौरान अगर उपचाराधीन मरीज को सांस लेने में कठिनाई, शरीर में आक्सीजन की संतृप्तता में कमी, सीने में लगातार दर्द या भारीपन होना, मानसिक भ्रम की स्थिति अथवा सचेत होने में असमर्थता, बोलने में समस्या, चेहरे या किसी अंग में कमजोरी, होठों या चेहरे पर नीलापन जैसे लक्षण दिखते हैं तो देखभाल करने वाला व्यक्ति तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करेगा और उसकी फौरी मदद की जाएगी।
उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि स्वास्थ्य विभाग होम आइसोलेटेड व्यक्ति पर नजर नहीं रखेगा। शासन से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार जनपदीय स्वास्थ्य प्राधिकारी ऐसे सभी कोविड-19 उपचाराधीन मरीजों का अनुश्रवण करेंगे। इनका अनुश्रवण फील्ड स्टॉफ, सर्विलांस टीम, कोविड कंमांड एंड कंट्रोल सेंटर द्वारा किया जाएगा। इन मरीजों के शरीर का तापमान, पल्स रेट तथा आक्सीजन की संतृप्तता को रिकॉर्ड किया जाएगा। फील्ड स्टॉफ मरीज की देखभाल करने वाले को इस संबंध में संवेदीकृत भी करेगा। उपचाराधीन का विवरण कोविड पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा जिसका अनुश्रवण जिला स्तरीय अधिकारी करेंगे। उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन का उल्लंघन करने या आवश्यकता पड़ने पर रोगी को शिफ्ट करने का निर्णय होगा।
इन्हीं शर्तों पर हो सकते हैं होम आइसोलेट
• उपचार करने वाले चिकित्सक ऐसे मरीज को लक्षणविहीन रोगी घोषित करें।
• घर में कम से कम दो शौचालय हो। मरीज के आइसोलेशन और परिजन से क्वारंटीन होने का इंतजाम अनिवार्य।
• एचआईवी, अंग प्रत्यारोपण और कैंसर का पहले से उपचार लेने वाले लोग इसके पात्र नहीं होंगे।
• 24 घंटे देखरेख करने के लिए घर में एक व्यक्ति उपलब्ध हो जिसे केयर गीवर कहा जाएगा, जो अस्पताल से निरंतर संपर्क बनाए रखे।
• केयर गीवर और नजदीकी सम्पर्कियों को चिकित्सक के परामर्श के अनुसार दवा लेनी होगी।
• आरोग्य सेतु एप डाउनलोड कर ब्लू टूथ और वाईफाई सक्रिय रखना होगा और उस पर स्वास्थ्य की स्थिति अपडेट करनी होगी। स्मार्ट फोन न होने की दशा में कोविड कंट्रोल रूम में रोजाना स्वास्थ्य संबंधित जानकारी देनी होगी। आइसोलेशन एप को स्मार्ट फोन में डाउनलोड करना होगा।
• उपचाराधीन को अपने सेहत के नियमित अनुश्रवण को स्वीकार करना होगा और जिला सर्विलांस अधिकारी को इसकी नियमित सूचना देनी होगी।
• निर्धारित प्रपत्र पर एक अंडरटेकिंग देनी होगी, जिसमें संबंधित उपचाराधीन कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन का वचन देगा। इस अंडरटेकिंग पर विचार के बाद ही चिकित्सक इसकी अनुमति देंगे।
खुद करनी होगी खरीददारी
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि शासन से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार होम आइसोलेशन में उपचाराधीन कोविड मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मा मीटर, मॉस्क, ग्लब्स, सोडियम हाइपोक्लोराइड साल्यूशन और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चीजें खुद खरीदनी होंगी।
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