रेलवे अस्पताल में भर्ती होकर पछता रहे मरीज, कहा- 'यहां कोई हाल पूछने वाला भी नहीं'
गोरखपुर। रेलवे अस्पताल में भर्ती होकर कोरोना संक्रमित मरीजों को अब पछतावा हो रहा है। कमरों में गंदगी के बीच मरीजों को अब दूसरी बीमारी की चिंता सताने लगी है। बाथरूम में गंदगी का अंबार है। इसकी शिकायत भी कई बार मरीज कर चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। थकहार कर मजबूरी में मरीज किसी तरह समय काट रहे हैं।
कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की व्यवस्था बीआरडी मेडिकल कॉलेज और रेलवे अस्पताल में की गई है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में गंभीर मरीजों का इलाज हो चल रहा है। जबकि रेलवे अस्पताल में केवल अलक्षणिक मरीजों का इलाज चल रहा है। लेकिन इलाज के नाम पर अस्पताल में मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
उरुवा के पुरवा गांव के रहने वाले 51 साल के कोरोना संक्रमित मरीज ने बताया कि अस्पताल में हर कदम बदइंतजामी है। भर्ती होने के बाद मरीजों को कोई पूछने वाला नहीं है। साफ-सफाई की स्थिति बद से बदतर है। बाथरूम तक साफ नहीं है। ऐसे में कोरोना संक्रमित मरीज अस्पताल में आकर और कई बीमारियां लेकर जाएगा। कहा कि एक तरफ सफाई से रहने की बात कही जा रही। वहीं, दूसरी ओर अस्पताल में हर तरफ गंदगी ही है।
चार घंटे तक कोई पूछने वाला नहीं
संक्रमित मरीज ने बताया कि किसी तरह एंबुलेंस से स्वास्थ्य विभाग की टीम रेलवे अस्पताल में ला दिया। लेकिन यहां आने के दो से तीन घंटे तक कोई पूछने वाला नहीं था। बाद में एक पैकेट दिया गया। उसमें कुछ दवा थी और साबुन दिया गया। बताया कि किस बेड पर मरीजों को भर्ती होना है। इस बात की जानकारी तक नहीं दी गई। करीब चार घंटे बाद किसी तरह बेड मिला।
दो शातिर अपराधी हुए रेलवे अस्पताल में भर्ती
अस्थाई जेल में बंद दो शातिर अपराधी कोरोना संक्रमित मिलने के बाद रेलवे अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। अपराधी होने की वजह से अन्य संक्रमित मरीज डरे हुए हैं। हालांकि एहतियात के तौर पर पुलिस कर्मियों की भी तैनाती कर दी गई है। बताया जाता है कि दोनों अपराधी शातिर है। सुरक्षा को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती की गई है।
अब तक इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर ऐसा है, तो मामले की जांच कराई जाएगी और व्यवस्था सही कराया जाएगा।
- डॉ श्रीकांत तिवारी, सीएमओ
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