मानवता के उपासक व सिद्धांतवादी राजनीतिज्ञ थे डाक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी


डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक व सिद्धांतवादी राजनीतिज्ञ थे। वे धर्म के आधार पर देश विभाजन के कट्टर विरोधी थे। सांस्कृतिक दृष्टि से हम सब एक हैं वे इस धारणा के प्रबल समर्थक थे। वे जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण व अभिन्न अंग बनाना चाहते थे, उस समय जम्मू कश्मीर का अलग झंडा, अलग संविधान था, एक देश में दो विधान, दो निशान, दो सविधान के विरुद्ध उन्होंने आंदोलन किया। अगस्त 1952 में जम्मू की विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया था कि या तो मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराऊंगा या फिर उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपना जीवन बलिदान कर दूंगा ,और 23 जून 1953 को उन्होंने जम्मू कश्मीर के विषय को लेकर देश की एकता और अखंडता के लिए अपना बलिदान दे दिया। उनके संकल्प व सपने को ,धारा 370 व 35 ए समाप्त करने का काम मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार ने पूरा किया।


 उक्त बातें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ जी महाराज ने देश की एकता व अखंडता के लिए जम्मू कश्मीर में बलिदान हुए भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष एवं महान शिक्षाविद, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 119 वी जयंती के अवसर पर अपने बूथ नंबर 246 प्राथमिक कन्या पाठशाला पुराना गोरखपुर के अंतर्गत श्री गोरक्षनाथ मंदिर परिसर में उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने व प्रत्येक बूथ पर पांच वृक्ष लगाने के अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा।


आज 6 जुलाई को भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में सभी बूथों पर जयंती कार्यक्रम तथा पांच पौधा लगाने का कार्यक्रम कर रही है।


वृक्षारोपण कार्यक्रम में क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र सिंह ,महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, मतदान केंद्र प्रभारी पवन त्रिपाठी तथा बूथ अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव उपस्थित रहे।


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