इन आदतों को खुद से दूर रखें, नहीं तो मां लक्ष्‍मी हो जाएंगी आपसे दूर

खराब आदतें, धन के साथ सेहत का भी नुकसान


जानते हैं ज्योतिषाचार्य पंडित योगेन्द्र त्रिपाठी से...



मां लक्ष्‍मी सामान्‍य रूप से चंचल स्‍वभाव की मानी जाती हैं और ऐसा माना जाता है कि यह हमेशा किसी एक के पास नहीं टिकतीं। जैसे कोई व्‍यक्ति बुरे काम करने लगता है या फिर खराब आदतें अपनाने लगता है वैसे ही मां लक्ष्‍मी रूठकर दूसरे के पास चली जाती हैं। कई बार हम जानबूझकर नहीं अनजाने में ही कुछ ऐसी आदतों को अपना लेते हैं जिनसे मां लक्ष्‍मी अप्रसन्‍न होकर हमारे पास से चली जाती हैं। आइए जानते हैं ऐसी कुछ आदतों के बारे में, जिनसे दूरी बनाने में ही सबकी भलाई है।


 


साफ-सफाई न हो तो



माना जाता है कि मां लक्ष्‍मी को साफ-सफाई पसंद होती है। जिस घर में गंदगी रहती है, उस घर में मां लक्ष्‍मी का वास नहीं होता है। घर की साफ-सफाई के साथ अपने तन और मन की सफाई भी बेहद जरूरी होती है। आपके मन दूसरों के प्रति किसी प्रकार का वैर भाव है तो मां लक्ष्‍मी आपसे दूर ही रहेंगी।


 


महिलाओं और बुजुर्गों का अपमान



कहते हैं कि महिलाएं मां लक्ष्‍मी का रूप होती हैं, जिस घर में पुरुष महिलाओं का अपमान करते हैं, दरिद्रता उस घर का साथ नहीं छोड़ती और धन लक्ष्‍मी की बजाए अलक्ष्‍मी का वास घर में हो जाता है। इसके साथ जो लोग अपने माता-पिता या फिर बुजुर्गों का अपमान करते हैं, मां लक्ष्‍मी की कृपा उन्‍हें नहीं मिलती।


 


ढलता सूर्य



ढलता सूर्य देखने में भले ही खूबसूरत लगे, पर शास्‍त्रों में इसे अच्‍छा नहीं माना जाता है। कुछ लोग शाम को अक्‍सर ढलता सूर्य देखने घर से बाहर चले जाते हैं। तो वहीं कुछ लोग ढलते सूर्य की तस्‍वीर भी घर में लगाते हैं। अगर आपको भी ऐसा करने की आदत है तो इस आदत को अभी दूर कर दीजिए, नहीं तो मां लक्ष्‍मी आपसे दूर हो जाएंगी।


 


पूजा के सामान के साथ न करें ऐसी गलती



कई देखने में आता है कि कुछ लोग पूजा करते वक्‍त कुछ सामग्री जमीन पर रख देते हैं और उसमें से उठाकर पूजा के लिए इस्‍तेमाल करते हैं। यह तरीका कतई गलत है। कभी भी भूल से भी पूजा की सामग्री को जमीन पर न रखें। अगर आपके पास कोई व्‍यवस्‍था नहीं बन पा रही है तो जमीन पर कुछ कपड़ा या फिर कागज बिछाकर ही रखें।


 


बाहर से घर लौटें तो



कुछ लोग अक्‍सर ये गलती करते हैं कि बाहर से घर में प्रवेश करने पर हाथ-पैर नहीं धोते और सीधे आकर या तो कुछ खाने लगते हैं या फिर अपने कमरे में चले जाते हैं। धार्मिक, वैज्ञानिक और वास्‍तु तीनों की दृष्टि से यह आदत खराब मानी जाती है। इसलिए घर में घुसते ही सबसे पहले बाथरूम में जाकर अच्‍छी प्रकार से साबुन से अपने हाथ-पैरों को धोएं और फिर कुछ काम करें। ऐसा करने से बाहर की अपवित्रता, नेगेटिव एनर्जी और जीवाणु तीनों दूर हो जाएंगे।


 


गलत संबंध



मां लक्ष्‍मी ऐसे लोगों को कतई पसंद नहीं करतीं जो अपने जीवनसाथी के अलावा किसी और के बारे में सोचती हैं। महिला हों या पुरुष अपने पार्टनर के अलावा किसी और से संबंध रखने वाले व्‍यक्ति पर मां लक्ष्‍मी कभी खुश नहीं रहतीं।


 


तांबे और कांसे के बर्तन



तांबे और कांसे के बर्तन में खाना खाने से दोष लगता है। शास्‍त्रों में तांबे और कांसे के बर्तनों को पूजापाठ के लिए उपयुक्‍त माना गया है। इन बर्तनों में खाने से ये अशुद्ध हो जाते हैं और आपको दोष लगता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप स्‍टील के बर्तनों में भोजन करें।


 


इस वक्‍त न बनाएं संबंध



जो लोग सूर्यास्‍त के वक्‍त, अमावस्‍या, पूर्णिमा, एकादशी या फिर द्वादशी तिथि पर संबंध बनाते हैं, मां लक्ष्‍मी ऐसे लोगों से कभी प्रसन्‍न नहीं होतीं। ऐसे लोग और उनके परिवार को दुखों का सामना करना पड़ता है।


 


शाम के वक्‍त सोना



कुछ लोगों में यह खराब आदत होती है कि वे दिन में आराम करने की बजाए शाम के वक्‍त गौधूलि बेला में विश्राम करते हैं। शास्‍त्रों में इसे देवदर्शन का समय माना गया है। इस वक्‍त सोना नहीं चाहिए, बल्कि प्रभु भक्ति में मन लगाना चाहिए।


 


झगड़े और अशांति



जिस घर के लोग आपस में लड़ते हैं और एक-दूसरे का सम्‍मान नहीं करते, उस घर में दरिद्रता छाई रहती है और जिस घर में दरिद्रता रहती है, उस घर में मां लक्ष्‍मी का वास कतई नहीं रहता है। घर के सभी सदस्‍यों को आपसी सद्भाव के साथ प्‍यार से रहना चाहिए।


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