गोरखपुर। गोरखपुर के गीडा कार्यालय में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से हड़कंप मच गया है। रिपोर्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। अखबार प्रबंधन ने इसे छिपा कर चुपचाप गीडा स्थित दफ्तर सेनेटाइज करा दिया। अन्य कर्मचारियों को बताए बिना 28 लोगों को उसी दफ्तर में बैठा कर काम कराया गया, जहाँ उनके कोरोना पॉजिटिव साथी ने एक दिन पहले काम किया था।
इसी बीच सेवा विस्तार पाए एनई ने फरमान सुनाया कि कल सबकी कोरोना जांच होगी। इसके बाद लोगों को सुबह उनसे फोन से बात की तो उन्होंने ही अपने संक्रमित होने की जानकारी दी। इस पर घबराए अधीनस्थों से कहा गया कि, “जिसकी लंका लगनी थी लग गई, तुम लोग चुपचाप काम करो.”।
ज्ञात हो कि दफ्तर खुला है जबकि ऐसी स्थिति में गोरखपुर के कमिश्नर, डीएम और कई तहसील कार्यालय कम से कम तीन दिन सील कर दिए गए थे। इन लोगों ने ऐसा नहीं किया। फिलहाल कर्मचारियों के होश फाख्ता हैं। आज सबकी निपाल क्लब में जांच चल रही थी।
सवाल यह है कि फर्श वगैरह तो सेनेटाइज कर देंगे लेकिन सेंट्रल एसी वाले कार्यालय की हवा को प्रबंधन भला कैसे सेनेटाइज कर सकता है।
बता दें कि गोरखपुर कमिश्नर के पीए संजय शर्मा की बीती रात कोरोना से मौत हो गई इसके बाद स्थानीय प्रशासन में हड़कंप की स्थिति है। वहीं कार्यालय प्रबंधन अपने कर्मचारियों की “लंका लगाने” में मगन है।
उधर एक अन्य सूचना के मुताबिक गीडा स्थित कार्यालय पर कार्यरत आईटी विभाग के और सफाई कर्मचारी भी गीडा दफ्तर में काम करते हैं और ये दोनों भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
Comments