- परिवहन प्राधिकरण की बैठक में डीएम के सुझाव पर कमिश्नर ने दिए निर्देश
- गोरखपुर महानगर में अब सीएनजी स्कूली बसों को ही मिलेगी परमिट
गोरखपुर। संभागीय परिवहन प्राधिकरण की शुक्रवार को आयुक्त सभागार में हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। डीएम के. विजयेंद्र पांडियन के सुझाव पर कमिश्नर ने जयंत नार्लिकर ने शहर में ओल ऑटो का संचालन कराने का निर्देश दिया। इसपर अमल भी शुरू हो गया है।
प्राधिकरण की बैठक खत्म होते ही आरटीओ प्रशासन भीमसेन सिंह ने ओला के स्थानीय अफसरों की शनिवार को बैठक बुलाई है। उनका कहना है कि बैठक कर संचलन शुरू करने के समय से लेकर यह भी तय किया जाएगा कि कंपनी कितने ऑटो मुहैया करा पाएगी। इसी तरह बैठक के दौरान कमिश्नर ने यात्रियों की सुविधा के लिए एयरपोर्ट पर ओला का एक काउंटर लगाने का निर्देश दिया ताकि वहां से ओला का शहर के विभिन्न इलाकों में संचलन हो सके।
इस संबंध में उन्होंने एयरपोर्ट डायरेक्टर से फोन पर बात कर सात दिन के भीतर काउंटर आवंटन की प्रक्रिया पूरी करने को कहा। वहीं उन्होंने पर्यावरण सुरक्षा के मद्देनजर आरटीओ को निर्देश दिया कि गोरखपुर महानगर में सीएनजी स्कूली बसों को ही परमिट दी जाए। इसी तरह शहर में सिर्फ सीएनजी ऑटो का ही परमिट जारी हो और यह सुनिश्चित किया जाए कि ग्रामीण क्षेत्र के ऑटो, शहरी सीमा में दाखिल न हो पाएं।
बैठक में डीएम गोरखपुर के. विजयेन्द्र पांडियन, एसएसपी डॉ सुनील गुप्ता, एसपी सिटी, अपर जिलाधिकारी महराजगंज, नगर आयुक्त सहित मंडल के सभी जनपदों के एआरटीओ व अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। बैठक का संचालन आरटीओ प्रशासन भीमसेन सिंह ने किया।
कोविड-19 नियमों की अनदेखी की तो निरस्त होगी वाहनों की परमिट
बैठक के दौरान कमिश्नर ने कोविड-19 संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत आरटीओ, पुलिस व यातायात विभाग को मंडल में सड़कों पर चल रहे वाहन नियमों का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जो भी नियमों की अनदेखी करें उनके परमिट को निरस्त कर दिया जाए।
उन्होंने ओवरलोडिंग रोकने की दिशा में भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए यह जरूरी है कि हर माह जितनी गाड़ियों का परमिट अवधि समाप्त हो रही है उतने ही परमिट जारी किए जाएं, उससे अधिक नहीं।
साथ ही निर्देश दिए कि जिन गाड़ियों की परमिट अवधि समाप्त हो गई है, उसकी सूची पुलिस व जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दी जाए ताकि वाहनों का अवैध संचालन न हो सके।
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