अपने फर्ज को बखूबी निभा रहीं हैं यह आशा कार्यकर्ता 

गर्मी और धूप में कोरोना वायरस से जंग में निभा रही अहम् भूमिका 


देवरिया। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में डॉक्टरों की तरह जमीनी स्तर पर काम कर रही आशा संगिनी और आशा कार्यकर्ता अहम भूमिका निभा रही हैं। जिम्मेदारी के साथ तेज गर्मी और धूप ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी है। बावजूद इसके वह अपने फर्ज को बखूबी अंजाम दे रही हैं। साथ ही पल-पल की रिपोर्ट संबंधित विभाग तक पहुंचा रही हैं।



इस तेज गर्मी में भी जमीनी स्तर पर कोरोना के खिलाफ आशा संगिनी व आशा कार्यकर्ता  मोर्चा संभाले हुए हैं। इस तपती गर्मी में भी घर-घर जाकर सर्वे का काम कर रही हैं। उनके क्षेत्र में कौन बाहर से आया है और कौन बीमार है। इसकी जानकारी वे प्रतिदिन हासिल कर रही हैं। साथ ही अपने क्षेत्र में बाहरी राज्यों और जिलों से आए लोगों को होम क्वॉरेंटाइन कर नियमित उनकी मॉनिटरिंग कर रही हैं। बैतालपुर ब्लाक की आशा संगिनी संगीता देवी ने बताया कि कोरोना से अगर हम ही डर जाएंगे, तो लड़ेगा कौन। क्योंकि आम कड़ी हम से जुड़ी है। इसलिए हम कोरोना को लेकर घर-घर जाकर सर्वे का काम कर रहे हैं। दीवारों पर स्लोगन लिखे जा रहे तो कहीं तो गीत-संगीत से माध्यम से ग्रामीणों से घर पर रहने की अपील की जा रही है। गोल घेरे बनाकर फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है और घर-घर दवाइयां पहुंचा रही हैं। पथरदेवा ब्लाक  की आशा संध्या गौतम ने बताया, ‘‘मैं नियमित अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर सर्वे कर रही हूं। साथ ही जो लोग बाहर से आए हैं, उनको चिन्हित कर उन्हें 14 दिन तक घर में रहने की हिदायत दे रही हूं। जिसकी लगातार मॉनिटरिंग कर रही हूं। ताकि वे लोग अपने घरों से बाहर ना निकलें। उन्होंने बताया कोरोना के इस मुश्किल समय में काम करने से डर भी लगता है फिर भी बहुत ही सावधानी और सतर्कता से हम लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करते हुए लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक कर रहीं हैं। सुबह की चाय से लेकर खाना बनाने तक की जिम्मेदारी पूरी करके संध्या सुबह नौ बजे तक गाँव की गलियों में सबके हाल खबर लेने निकल जाती हैं। इसके साथ ही अपने क्षेत्र की गर्भवती के बराबर संपर्क में रहतीं हैं। उन्हें  आयरन फोलिक एसिड की 180 और कैल्शियम की 360 गोलियों का सेवन की सलाह देती हैं। गर्भवती में अगर कोरोना संक्रमण के कोई लक्षण जैसे-सर्दी, खांसी, बुखार या सांस फूलने की शिकायत नजर आने पर प्रसव के लिए अस्पताल के जाने में 108 एम्बुलेंस का मदद लेती  हैं।
भटनी  की आशा संगिनी मथिलेश ने बताया कि नियमित रूप से डोर टू डोर जाकर सर्वे कर रही हूं और बाहर से आए लोगों को 14 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन कर रही हूं। साथ ही लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग रखना और अति आवश्यक काम होने पर ही घरों से बाहर निकलने और मॉस्क लगाकर निकलने के बारे में बता रही हूं। 



लगातार कर रहीं सराहनीय कार्य 
डीसीपीएम राजेश गुप्ता ने बताया कि जिले में 2654 आशा कार्यकर्ता कार्यरत हैं। जिसमे 85 आशा संगिनी शामिल है जो आशा कार्यकर्ताओं के साथ कोविड-19 के इस मुश्किल समय में लगातार बहुत सराहनीय कार्य कर रही हैं। इस दौरान कई आशाएं हैं, जिनके छोटे-छोटे बच्चे हैं. लेकिन फिर भी वह अपने फर्ज को बखूबी अंजाम दे रही हैं। हमनें उन्हें खुद की सेफ्टी के ख्याल रखने के सख्त निर्देश दिए गए हैं और उन्हें हैंड ग्लब्ज, मास्क, सैनिटाइजर आदि भी विभाग की तरफ से उपलब्ध करवाया गया है।


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