दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों को वापस लाएगी योगी सरकार

-श्रमिकों, कामगारों व मजदूरों की स्क्रीनिंग व टेस्टिंग कर यूपी लाने की तैयारी


-इन लोगों को राशन की किट व एक हजार रुपये के भरण-पोषण भत्ते के साथ उनके घर भेजा जाएगा 



खुद की पीड़ा दबाकर 23 करोड़ लोगों की दिन रात सेवा, 5 लाख प्रवासी श्रमिकों को घर पहुँचाने व उनके रा़शन - रोज़गार तक की फ़िक्र, कोटा के बच्चों की चिंता, तमाम राज्यों में मौजूद श्रमिकों को भोजन पहुँचाने से लेकर अब उनको वापस लाने की रणनीति, यही है असल राजधर्म। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अन्य राज्यों में फंसे प्रदेश के श्रमिकों, कामगारों व मजदूरों को चरणबद्घ तरीके से वापस लाया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।


लखनऊ। मुख्यमंत्री लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर अफसरों के साथ लॉकडाउन पर समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की सूची तैयार की जाए जिसमें संबंधित राज्य में रह रहे मजदूरों का विवरण दर्ज हो। ऐसे लोगों की स्क्रीनिंग व टेस्टिंग कर यूपी लाया जाएगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सीमा तक संबंधित राज्य सरकार द्वारा इन्हें लाए जाने के बाद बस द्वारा श्रमिकों को उनके जिले में भेज दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ये लोग जिन जिलों में जाएंगे वहां उन्हें 14 दिनों तक क्वारंटीन करने के लिए पूरी व्यवस्था की जाए।


इसके लिए शेल्टर होम व आश्रय स्थल को खाली कर सैनिटाइज किया जाए। 14 दिन क्वारंटीन पूरा करने के बाद इन लोगों को राशन की किट व एक हजार रुपये के भरण-पोषण भत्ते के साथ उनके घर भेज दिया जाए।


बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए यूपी के हॉटस्पॉट मॉडल की देशभर में प्रशंसा हो रही है। उन्होंने लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाने के निर्देश दिए।


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