यूपीः कोविड 19 अस्पताल में 15-15 दिन की ड्यूटी करेंगे स्वास्थ्य कर्मी, फिर जाएंगे पैसिव क्वारंटीन में
-लेवल वन कोविड 19 अस्पताल में तैनात होंगे प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी
-क्वारंटीन वार्ड के लिए 25-25 और आइसोलेशन के लिए 14-14 की बनेंगी टीम
-सीएचसी और जिला स्तर पर बनाए जा रहे हैं लेवल वन अस्पताल
स्वास्थ्य विभाग ने जिला स्तर पर बनने वाले लेवल वन कोविड 19 क्वारंटीन और आइसोलेशन वार्ड बनाने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। मुख्यालय के पास स्थित सीएचसी पर क्वारंटीन और जिला स्तर पर आइसोलेशन वार्ड बनाए जाएंगे। क्वारंटीन वार्ड में 25-25 प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों और आइसोलेशन वार्ड में 14-14 कर्मियों की टीम तैनात की जाएगी। प्रत्येक टीम को 15 ड्यूटी के बाद 14 दिन के लिए पैसिव क्वारंटीन में रखा जाएगा।
प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने लेवल वन चिकित्सालय के लिए जारी गाइडलाइन के अनुसार, मुख्य चिकित्साधिकारियों से कहा गया है कि लेवन वन कोविड 19 चिकित्सालयों के लिए मुख्यालय से नजदीक सीएचसी की पहचान कर शासन को सूचित करें। इस सीएचसी तक मुख्यालय से आसानी से पहुंचने की व्यवस्था होनी चाहिए। जिले के इन लेवल वन चिकित्सालयों का प्रभारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी या किसी अन्य वरिष्ठ अधिकारी को बनाया जाए। कोविड समर्पित अस्पतालों में भर्ती अन्य रोगियों को किसी दूसरे चिकित्सालयों में भर्ती किया जाए। यहां अन्य मरीज न आएं इसकी जानकारी एएनएम, आशा और एंबुलेंस चालकों के माध्यम से दी जाए।
प्रमुख सचिव के अनुसार लेवल वन कोविड 19 समर्पित अस्पतालों में इलाज के लिए दो टीमें रहेंगी। एक टीम 15 दिन तक इलाज करेगी। इसके बाद दूसरी टीम जगह लेगी और पहली वाली टीम को 14 दिन के लिए पैसिव क्वांरटीन-निष्क्रिय संगरोध में रखा जाएगा। एक टीम में 25 सदस्य होंगे, जिसमें डॉक्टर और नर्स 6-6, फार्मासिट दो, वार्ड ब्वॉय तीन, लैब टेक्नीशियन दो और छह सफाई कर्मचारी होंगे। इस तरह एक लेवल वन कोविड 19 अस्पताल के लिए 50 लोगों की टीम लगाई जाएगी।
जिला स्तर पर बनने वाले आइसोलेशन वार्ड में 14-14 डॉक्टरों की दो टीमें लगेंगी। यह भी 15-15 दिन कार्य करेंगी। एक टीम को पैसिव क्वारंटीन में रखा जाएगा। इस टीम में तीन डॉक्टर, तीन नर्स, दो फार्मासिस्ट, तीन वार्ड ब्वॉय और तीन सफाईकर्मी होंगे। हर जिले में दो कलेक्शन सेंटर बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें एक क्वारंटीन वाले रोगियों के लिए और दूसरा सामान्य रोगियों के लिए। प्रत्येक कलेक्शन सेंटर पर संक्रमण रोकने के लिए जारी प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश दिए हैं। यहां प्रशिक्षण के लिए दो डॉक्टर और दो नर्सों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 108 व एएलएस एंबुलेंस के स्टाफ को भी यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने, प्रशिक्षण खुले हवादार कक्ष में करने, हाथ धोने के लिए सैनिटाइजर की व्यवस्था करने को कहा गया है।
मुख्य चिकित्साधिकारियों से कहा गया है कि वह सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में तैनात सभी नियमित और संविदा चिकित्सकों और नर्सों को ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए कहें। प्रशिक्षण मॉड्यूल का लिंक सभी डॉक्टरों और नर्सों को भेजा गया है। अभी चार हजार डॉक्टर और नर्सों ने इसे ऑनलाइन देखा है। जिलाधिकारी की अनुमति से किसी भी अस्पताल से प्रशिक्षित लोगों को लेवल वन कोविड 19 चिकित्सालय में तैनात किया जा सकेगा।
गंभीर संक्रमित ही जाएंगे एएलएस एंबुलेंस से
केवल गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों को एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस (एएलएस) से लेवल टू और लेवल थ्री के कोविड 19 अस्पतालों में भेजा जाएगा, जिससे उच्च स्तर की चिकित्सा इकाइयां एल-वन पर इलाज किए जा सकने वाले मरीजों से ओवरलोड न हो सकें। जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जितने दिन टीमें पैसिव क्वारंटीन में रहेंगी, उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था, अलग शौचालय और अस्पताल जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था भी करानी होगी। ड्यूटी के दौरान एल वन अस्पताल में तैनात टीम को शिफ्ट खत्म होने के बाद उसी परिसर में रहने की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश मुख्य चिकित्साधिकारियों को दिए गए हैं। दवाएं व उपकरण जिला स्तर पर और यूपी मेडिकल सप्लाई कॉर्पोरेशन से उपलब्ध कराए जाएंगे।
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