यह है देवी का अतिप्रिय फूल, इससे होते हैं नवग्रह के दोष दूर

नवरात्र के अवसर पर भक्त देवी की आराधना विभिन्न सुगंधित फूलों से करते हैं। भक्त माता को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग रंगों के फूलों को माता को चढ़ाते हैं और देवी अपने उपासकों के फूलों की भंट को स्वीकार कर उनको धन-धान्य और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। लेकिन माता को लाल रंग के फूल प्रिय है और इसमें भी देवी को सुर्ख लाल रंग का गुड़हल का फूल अतिप्रिय है। मानय्ता है कि माता को रक्तवर्णीय गुड़हल का फूल को चढ़ाने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। एसा भी कहा जाता है कि माता को गुड़हल का फूल उचित संख्या में चढ़ाने से कुंडली के ग्रहदोष भी दूर होते हैं। देवी को लॉकडाउन में घर पर यह फूल अर्पित कर सकते हैं।



गुड़हल के फूल में हैं त्रिमूर्ति का वास


मां दुर्गा को दुड़हल के फूल बहुत पसंद है और मान्यता है कि गुड़हल के फूल के उपरी भाग में ब्रह्मा, मध्य भाग में विष्णु और नीचे वाले भाग में महेश का वास होता है। वहीं फूल के अंकुरण वाले भाग में देवी दुर्गा स्वयं विराजमान होती है। देवी भागवत के अनुसार मां दुर्गा को गुड़हल के फूल अतिप्रिय है। इसलिए जो भक्त गुड़हल के फूलों की माला माता को समर्पित करता है उसकी सभी मनोकामनाओं पूर्ण होती है। अंक ज्योतिष के अनुसार माता को समर्पित की जाने वाली माला बनाते समय उसमें फूलों की संख्या का खास ख्याल रखना चाहिए। तंत्र साधना में गुड़हल के फूलों की उचित संख्या से मंत्रोच्चार करने पर सभी दिक्कतों को दूर किया जा सकता है।



राशि अनुसार माला में पिरोए फूल


राशि अनुसार गुड़हल के फूल चढ़ाने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है। मेष राशिवालों को गुड़हल के 28 फूलों की माला चढ़ाना चाहिए। वृषभ राशि वालों को 21 फूलों की माला चढ़ाना चाहिए। मिथुन राशिवालों को 54 फूलों की माला पहनाना चाहिए। कर्क राशिवालों को 56 फूलों की माला समर्पित करना चाहिए। सिंह राशिवालों को 108 फूलों की माला अर्पित करना चाहिए। कन्या राशिवालों को 11 फूलों की माला मां को पहनाना चाहिए। तुला राशिवालों को 21 फूलों की माला मां को चढ़ाना चाहिए। वृश्चिक राशिवालों को 18 फूलों की माला समर्पित करना चाहिए। धनु राशिवालों को 9 फूलों की माला अर्पित करना चाहिए। मकर राशिवालों को 36 फूलों की माला पहनाना चाहिए। कुंभ राशिवालों को 5 फूलों की माला पहनाना चाहिए। मीन राशिवालों को 108 फूलों की माला अर्पित करना चाहिए।


गुड़हल फूल में है नवग्रह का वास


मान्यता है कि गुड़हल के फूल के हरे भाग में बुध और केतू का प्रतिनिधित्व माना गया है। फूल के केसरिया भाग में मंगल का प्रतिनिधित्व होता है। लाल रंग में सूर्य का प्रतिनिधित्व होता है। फूल के अकुरण पर देवगुरु बृहस्पति का वास माना गया है। अंकुरण के मध्य भाग में राहु और उसके अंतिम भाग में शनि का वास होता है। गुड़हल के बीज में चंद्रमा का वास होता है।


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