मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि लॉकडाउन का अर्थ है कि जो व्यक्ति जहां है, वहीं रहे। लेकिन, यह सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे और सड़क पर न सोए। वे रविवार सुबह नोडल अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन कोरोना वायरस के खिलाफ एक संघर्ष है। इस संघर्ष को हम सभी को मिलकर सफल बनाना होगा। इसमें हर व्यक्ति को अतिरिक्त योगदान करना होगा। इसलिए सभी नोडल अधिकारी अंतर्विभागीय समन्वय के साथ पूरी जिम्मेदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।
उन्होंने नोडल अधिकारियों को हर फोन रिसीव करने और पीड़ित व्यक्ति से पूरी शालीनता से बात कर समस्या के निराकरण के प्रयास का निर्देश दिया। उन्होंने नोडल अधिकारियों से किए गए कामों की रोजाना रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने सभी नोडल अधिकारियों से उनकी तैनाती के बाद किए गए कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
लॉकडाउन के दौरान विभिन्न प्रदेशों में रह रहे यूपी के मूल निवासियों तथा यूपी में रह रहे अन्य राज्यों के मूल निवासियों को पेश आ रही समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री ने अलग-अलग प्रदेशों के लिए एक वरिष्ठ आईएएस व एवं एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया है।
'यूपी से बाहर रह रहे लोगों को वहीं पर रहने के लिए तैयार करें'
मुख्यमंत्री ने नोडल अधिकारियों से कहा कि वे विभिन्न राज्यों में रह रहे यूपी के लोगों को लॉकडाउन की अवधि में वहीं पर रहने के लिए तैयार करें। उन्हें बताएं कि इसी में सभी की भलाई व सुरक्षा है।
उन्होंने अफसरों को संबंधित राज्य सरकारों व स्थानीय प्रशासन से समन्वय कर लॉकडाउन से प्रभावित यूपी के लोगों के रहने व खाने की व्यवस्था कराने तथा अन्य प्रदेशों की किसी राज्य सरकार को समस्या होने पर यूपी सरकार की ओर से व्यवस्था कराने का निर्देश दिया।
दूसरे राज्य के निवासियों को न हो कोई परेशानी
मुख्यमंत्री ने दूसरे राज्यों के निवासियों को हर संभव सहायता का निर्देश दिया। कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि यूपी में रह रहे अन्य राज्यों के निवासियों को कोई समस्या न हो। नोडल अधिकारी यहां रह रहे अन्य राज्यों के निवासियों के खाने और रहने की समुचित व्यवस्था कराएं। यात्रा की अनुमति प्रदान करने के अलावा उनकी सभी समस्याओं का समाधान करें। इस संबंध में की गई कार्रवाई से संबंधित राज्य को भी अवगत कराएं।
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