तुलसी के पत्ते सेवन से दूर होती है अनेक बीमारियां

गोरखपुर,राप्ती सिमरन। हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे का बहुत ही महत्व होता है। ऐसा मानना है कि जिस घर में इसका वास होता है वहां आध्यात्मिक उन्नति के साथ सुख-शांति एवं आर्थिक समृद्धता स्वयं आ जाती है। वातावारण में स्वच्छता एवं शुद्धता, प्रदूषण का शमन, घर परिवार में आरोग्य की जड़ें मजबूत करने, श्रद्धा तत्व को जीवित करने जैसे अनेकों लाभ इसके हैं। इतना ही नहीं तुलसी भारतीय मूल की ऐसी औषधि है जिसका सांस्कृतिक महत्व है।



यहां घर में इसके पौधे की उपस्थिति को दैवीय उपहार और सौभाग्यशाली समझा जाता है। भारत में पाई गई यह अब तक की सबसे महत्वपूर्ण और चमत्कारिक औषधि है। आपको बता दें कि सर्दी, खांसी के घरेलू उपचार में इस्तेमाल होने वाली तुलसी का इस्तेमाल परमाणु विकिरण की चपेट में आए लोगों के इलाज में भी किया जा सकता है। आज आपको तुलसी की सबसे खास बात बताने जा रहा हूं आपको पता है आपके घर में पूजी जाने वाले तुलसी घर का वातावरण पूरी तरह पवित्र और कीटाणुओं से मुक्त रखती है। इतना ही नहीं तुलसी के पत्तों से अनेकों बीमारियां ठीक हो जाती हैं। अगर आप तुलसी की तीस पत्तियां पानी से धोकर पीसकर 20 ग्राम दही जो खट्टा न हो या एक-दो चम्मच शहद के साथ सेवन करें। इसके तीन महीने तक प्रयोग से भूख खुलकर लगती है और कब्ज नहीं होती साथ ही नियमित रूप से इसके सेवन से पेट से जुड़ी कोई बीमारी नहीं होती।


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