गोरखपुर।"प्रयास एक परिवर्तन का", (जनसेवा में जन जन की सहभागिता का प्रयास),के विचार से प्रेरित शहर के कुछ संवेदनशील लोगों के साथ व समाज के लिए कुछ करने का जज्बा लेकर भिन्न भिन्न स्थानों पर जरूरतमंदों का यथा सम्भव सहयोग 2015 में अक्षय नवमी के पावन अवसर दीपावली मिलन समारोह 2015 से शुरू किया गया, जिसमें सर्वप्रथम रक्तदान शिविर आयोजित किया गया व शाम को दीपावली मिलन व सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें 1700 लोगों ने सहभोज व 2000 लोगों की सहभागिता रही,पत्रकार बंधुओं व अन्य सामाजिक कार्यकर्ता को भी सम्मानित किया गया। हर वर्ष अक्षय नवमी के पावन अवसर पर सहभोज का आयोजन किया जाता है, जिसमें भिन्न भिन्न संस्थाओं से जुड़े 500 से ज्यादा व्यक्ति आँवला के बृक्ष के सामने दीप जलाकर प्रसाद ग्रहण करते हैं। प्रथम वर्ष में 76 सेवाओं के माध्यम से 1595,दूसरे वर्ष में 176 सेवाओं के माध्यम से 38506,तीसरे वर्ष में मात्र 11माह में 251सेवाओं के माध्यम से 50282,चौथे वर्ष में 351 सेवाओं के माध्यम से 59680 व इस पाँचवे वर्ष में 1अक्टूबर से 17 फरवरी तक 346 सेवाओं के माध्यम से 59440 लोगों का सहयोग किया गया,20 नवम्बर 2015 से 17 फरवरी 2020,51 माह से भी कम समय में 1200 सेवाओं के माध्यम से 223859 लोगों का उनके जरूरतानुसार यथा सम्भव सहयोग किया गया, साथ साथ इस बीच 1003 पौधे लगाये गए, पर्यावरण संरक्षण, मतदान, गौ सेवा,अन्न दान, नेत्र दान, रक्त दान आदि प्रेरक स्लोगन लिखे 52000 झोले भी वितरित किए गए।वर्तमान में हर रोज जरूरतमंद लोगों में निःशुल्क भोजन वितरण के साथ साथ हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल में रोज निःशुल्क न्यूट्रीशियन पैक का वितरण, रोज जिला अस्पताल व एम्स के मरीजों के परिजनों के लिए रु10 में भोजन पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है, व माह में कम से कम एक बार चन्द्रलोक कुष्ठ आश्रम, बृद्ध आश्रम, कुष्ठ आश्रम राजेन्द्र नगर, राजकीय स्पर्श बालिका विद्यालय, राजकीय स्पर्श बालक विद्यालय,मूक बधिर विद्यालय, मंद बुद्धि संस्थान व 3 स्थानों पर सांध्यकालीन शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों,में उनकी आवश्यकता के अनुसार यथा सम्भव सहयोग किया जाता है,जिसमें फल, बिस्कुट, जूस, रस्क,ब्रेल पेपर, स्कूल ड्रेस, कॉपी, पेंसिल रहते हैं,जाड़े में कम्बल, होली में नए कपड़े ,मिठाई, गुलाल आदि प्रदान किया जाता है, साथ साथ महापुरुषों के अवतरण दिवस व निर्वाण दिवस, धार्मिक आयोजन पर सेवाओं के माध्यम से उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया जाता है।इसके अलावा विगत कई वर्षों से मकर संक्रांति के पावन अवसर पर बाबा गोरक्षनाथ जी को खिचड़ी चढ़ाने आने वाले श्रद्धालुओं में सवेरे 4 बजे से चाय, रस्क, बिस्कुट व खिचड़ी वितरित किया जाता है,जिसमें इस वर्ष तिलक मैरिज हाउस व पूज्य झूलेलाल मंदिर ,दोनों स्थानों पर मिलाकर 27000 से ज्यादा श्रद्धालुओं की सेवा की गई,व सहभोज भी हुआ, जिसमें शहर के भिन्न भिन्न संस्थाओं के लोगों के साथ साथ शायर, कवि, साहित्यकार व समाजसेवी सहभागी रहे।वर्ष 2017 में आई भीषण बाढ़ में 15 दिनों तक भिन्न भिन्न क्षेत्रों में फँसे 10000 बाढ़ ग्रस्त लोगों को भोजन, पानी व अन्य सामग्री प्रदान किया गया। आप मात्र रु20/ के सहयोग से एक व्यक्ति को भोजन उपलब्ध करा सकते है,यदि हम सब हर माह स्वयं कुछ जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने का संकल्प लें व अन्य लोगों को भी प्रेरित करें तो वर्ष में सरलतापूर्वक व सफलतापूर्वक कम से कम 125000 लोगों की मदद की जा सकती हैं,आप अपने घर में शादी, जन्मदिन,शादी की सालगिरह आदि अन्य शुभ अवसरों पर जरूरतमंदों के लिए आटा, चावल,चीनी, रिफाइंड,जूस, सिलिंडर, बिस्कुट, फल, झोला,पैकेट आदि उपलब्ध करा सकते हैं।
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