प्रभु पादजी ने की कृष्ण भावनामृत संघ की स्थापना


गोरखपुर। इस्कान केंद्र द्वारा शनिवार को सोनौली रोड स्थित बबीना होटल में शाम 6 बजे से देवकीनंदन दास प्रभुजी ने प्रभुजी की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि आज समाज में केवल कृष्ण भावनामृत की आवश्यकता है। क्योंकि सारी सुख सुविधा संपन्नता होते हुए भी समाज के लोगो ने दुःख है और इस दुख का निवारण केवल कृष्ण भावनामृत ही है।समाज के इसी दुख को दूर करने लिए प्रभुपाद जी ने कृष्ण भावनामृत संघ की स्थापना की। उन्होंने बताया कि गोरखपुर में इस्कॉन का मंदिर तो पहले से ही बना हुआ है। केवल समय का इंतजार है जब वो सबको दिखना शुरू हो जाए।


उन्होंने बताया कि शास्त्रों में वर्णन है कि एक दिन भगवान कृष्ण के के नाम का प्रचार पूरी दुनिया में होगा और इस्कॉन आज पूरी दुनिया में कृष्ण भावनामृत का प्रचार कर रहा है।उन्होंने कहा कि गोरखपुर में इस्कॉन को भूमि भी आज उपलब्ध ही गई। अब मंदिर बनाने की प्रक्रिया भी तेज हो जाएगी।  मंदिर निर्वाण के संबंध में सरोवर होटल (विजय चौक) पर इस्कॉन के आजीवन सदस्यों व शहर के गणमान्य व्यक्तियों से भी मिलें जिसमें इस्कॉन के केंद्र और मंदिर की स्थापना और कृष्ण भावनामृत के प्रचार प्रसार के बारे में बात की गई है।


गोरखपुर में इस्कॉन केंद्र शुरू को करने की सरगर्मी तेज हो गई है और इसी सिलसिले शनिवार को श्रीमान देवकीनंदन दास जी का आगमन गोरखपुर में हुआ। श्रीमान देवकीनंदन दास प्रभुजी पिछले 40 वर्षों से अधिक से इस्कॉन में भगवान कृष्ण की सेवा कर रहे हैं और कई बड़े मंदिरों और केंद्रों की स्थापना किए है। आज वे इस्कॉन के जोनल सेक्रेटरी है एवं उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान, इस्कॉन वृंदावन, इस्कॉन जुहू मुंबई, इस्कॉन मायापुर आदि राज्यो में कृष्ण भावनामृत का प्रचार प्रसार किया जा रहा है।


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