जैन मंदिर में पांच दिवसीय श्री 1008 समवशरण महामंडल विधान शुरू


गोरखपुर। आर्य नगर स्थित जैन मंदिर में श्री 1008  समवशरण महा मंडल विधान का आयोजन शुरू हुआ। इस सातिशय पुण्य का बंध के बीच प्रातः 6:00 बजे आर्यनगर जिनालय में इस कार्यक्रम का शुभारंभ प्रभु के पंचामृत अभिषेक के साथ हुआ। देव आज्ञा, सकल जैन समाज द्वारा ली गई। तत्पश्यात आचार्य निमंत्रण का कार्यक्रम हुआ।


 उसके बाद झंडारोहण व घट यात्रा निकाली गई।
पुरुष दैवज्ञ परिधान में व स्त्रियां केसरिया रंग की साड़ी में मंगल कलश ले कर चल रही थी। 14 से 18 दिसंंबर तक चलने वाली समय शरण महामंडल महामंडल विधान का शुभारंभ शनिवार को हुआ। सायं काल नृत्य नाटिका व भक्ति का आयोजन किया गया।


इस आयोजन हेतु मुख्य प्रतिष्ठाचार्य,  वाणी भूषण , पंडित कमल कुमार कमलांकुर,  भोपाल से अपने सहयोगीयों समेत पधारे हैं। उनके साथ नाटक कलाकारों की मंडली और संगीतकारों की मंडली भी आई है। जैन दर्शन के 24 तीर्थंकरों  को केवल ज्ञान होने के बाद उनकी दिव्य वाणी  खिरती है। इस दौरान कुबेर शमवशरण की रचना, समवशरण, वैभव की पराकाष्ठा के साथ श्री 1008 संवशरण महामंडल विधान शुरू। 


जिसमें सभी भव्य जीव चाहे देव हों, चाहे मनुष्य हो , चाहे पशु  या तिर्यंच गति के हों,  प्रभु की देशना का अनुपान करते हैं और अपने जीवन को कृत्य कृत्य करते हैं।
उस समवशरण में चक्रवर्ती राजा, प्रभु की अर्चना पूजा करते हैं। इसके अंतर्गत उसी समवशरण की प्रतिकृति बना कर पूजा की जाती है।     यांाांा 


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