गीता जयंती पर कालीबाड़ी मंदिर से निकाली गई भव्य शोभा यात्रा


गोरखपुर। गीता जयंती के अवसर पर गीता सत्संग मंडल के तत्वधान मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी रविवार को भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। इस अवसर पर प्रह्लाद ब्रह्मचारी ने बताया कि लगभग 6 हजार वर्ष पूर्व मार्गशीर्ष एकादशी को योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने कर्तव्यच्युत होते हुए अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के 18वें अध्याय के 69वें श्लोक में अपने प्रेमीजन को पहचान बताते हुए कहा है कि



  • न च नतस्मान्मनुष्येषु काशिचन्में प्रियकृत्तमः।

  • भविता न च मे तस्माद्न्य: प्रियतरो भुवि।।


भावार्थ है कि इससे बढ़कर मेरा प्रिय कार्य करने वाला मनुष्य में कोई भी नहीं है, तथा संपूर्ण संसार में उस से बढ़कर मेरा प्रिय दूसरा कोई भविष्य में होगा भी नहीं। यह भव्य शोभायात्रा रेती चौक स्तिथ संकट मोचन कालीबाड़ी मंदिर से दोपहर 12 बजे बैण्ड बाजों के साथ निकाली गई। यात्रा में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन, भगवान श्री राम दरबार एवं श्री राधा कृष्ण की अद्भुत झांकीयां के साथ शोभायात्रा कालीबाड़ी से प्रारंभ होकर गीता प्रेस, लाल डिग्गी चौक, मिर्जापुर, खूनीपुर, चौरहिया गोला, बक्सीपुर, नखास चौक, रेती चौक, घंटाघर से होकर कसौधन मंदिर पर पहुंच कर संपन्न हुई। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं हाथ में भगवा ध्वज लेकर के आगे आगे श्री कृष्ण की जयघोष करते चल रही थी।


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