देवी-देवताओं में अग्रणी हैं गोमाता

गोमाता से बढ़कर न कोई देव स्थान न ही कोई जप-तप



भारत में कहीं भी चले जाइए और सारे तीर्थ स्थानों के देवस्थान देख आइए। आपको किसी मंदिर में केवल श्री विष्णु भगवान मिलेंगे, किसी मंदिर में श्री लक्ष्मी नारायण मिलेंगे। किसी में सीता, राम, लक्ष्मण तीनो मिलेंगे तो किसी मंदिर में श्री शंकर-पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, भैरव, हनुमान जी इस प्रकार छ: देवी-देवता मिलेंगे। अधिक से अधिक किसी में दस-बीस देवी-देवता मिल जाएंगे, पर सारे भूमंडल में ढूंढ़ने पर भी ऐसा कोई देवस्थान या तीर्थ नहीं मिलेगा जिसमें हजारों देवता एक साथ हों। ऐसा दिव्य स्थान, ऐसा दिव्य मंदिर, दिव्य तीर्थ देखना हो तो बस, वह आपको गोमाता से बढ़कर सनातनधर्मी हिंदुओं के लिए न कोई देव स्थान है, न कोई जप-तप है, न ही कोई सुगम कल्याणकारी मार्ग है। न कोई योग-यज्ञ है और न कोई मोक्ष का साधन ही। जिस प्रकार तीर्थों में तीर्थराज प्रयाग हैं उसी प्रकार देवीदेवताओं में अग्रणी गोमाता को बताया गया है।


 


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