गोरखपुर। माता मातेश्वरी सेवा दरबार पचपेड़वा में शुक्रवार को शारदीय नवरात्रि के महाषष्ठी के पावन पर्व पर माता भक्तों ने निराजल व्रत धारण कर माता आदिशक्ति की आराधना की। महाषष्ठी को 1008 दीपों से माता जगत् जननी जगदम्बा पचपेड़वा वाली श्री की आरती उतारी गयी, उसके पश्चात् 108 कन्याओं के चरण धुलकर, चरण रंगकर, पूजन कर एवं चुनरी ओढ़ाकर भोग को ग्रहण कराया गया। इसके बाद निराजल व्रत धारण करने वाले माता भक्तों ने सायं 8 बजे माता के प्रसाद को ग्रहण करके अपने व्रत को पूर्ण किया। इस अवसर पर माता मातेश्वरी सत्संग का भी आयोजन किया गया, जिसमें परम् पूज्य सद्गुरू श्री माता गुरू ने बताया गया कि शक्ति की भक्ति मानव आज से नहीं सनातन से करता हुआ चलता चला आ रहा है। शक्ति हर किसी के किसी न किसी रूप से किसी के बात-विचार को सुनती है और किसी के बिगड़े कार्य को सम्पन्न कराना शक्ति रूप और स्वरूप के कार्य होते हैं। शक्ति की भक्ति करने से मानव को मोक्ष प्राप्ति हो सकती है। नवरात्रि में जो भक्त सच्चे मन, वचन, कर्म से लगकर माता आदिशक्ति की आराधना करते हैं उनका जीवन धन्य हो जाता है। कार्यक्रम में राजदेव जायसवाल, आचार्य सुनील जी, आचार्य गुड्डू, गणेश शर्मा, फूलचन्द शर्मा, रंजीत कुशवाहा, जय प्रकाश श्रीवास्तव, रविन्द्र रावत, रामपत निषाद, दयाशंकर, मंतीरा देवी, रीता चौरसिया, लालमुनी देवी, गुड्डी देवी, धर्मशीला देवी, मुस्कान, पिंगला देवी, पुष्पा देवी, अनीता देवी, दिनेश गुप्ता, पप्पू, बबलू, अनिल, जितेन्द्र, प्रहलाद एवं समस्त माता मातेश्वरी परिवार। दरबार में शारदीय नवरात्रि पर चल रहे समस्त कार्यक्रम का समापन दिनांक 13 अक्टूबर 2019 दिन रविवार शरद पूर्णिमा को सायं 5 बजे से एक विशाल भण्डारे के साथ किया जायेगा।
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