गंगा में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

शरद पूर्णिमा को घाटों पर दिखा अद्भुत नजारा



गोरखपुर। शरद पूर्णिमा के अवसर पर रविवार को गंगा घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ा। हर हर गंगे के जयकारों से घाट गूंजायमान हो गए। बड़हलगंज स्तिथ सरजू नदी सहित प्रयागराज, वाराणसी में प्रदेश के दूर दराज इलाकों से आकर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने गरीबों, ब्राह्मणों को दान-पुण्य किया। शरद पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन स्नान करने से भगवान शिव और भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा बरसती है। इस मान्यता के चलते पर्व के अवसर पर शहर के राजघाट स्तिथ राप्ती, हनुमान गड़ी, डोमिनगढ़ पर स्नान के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। कई जगह भंडारे में प्रसाद वितरण किया गया। श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर मनौतियां मांगी। आचार्य पंडित शरद चंद्र मिश्र का कहना है कि इस बार शरद पूर्णिमा के अवसर पर विशेष संयोग है। रविवार को शरद पूर्णिमा होने के कारण मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसेगी। उन्होंने बताया कि इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के अत्यधिक नजदीक होता है। मां लक्ष्मी खिले कमल पर पद्मासन मुद्रा में बैठती हैं। वेद विद्वान के मुताबिक मां लक्ष्मी के साथ कुबेर भी होते हैं। शरद पूर्णिमा की रात में मां लक्ष्मी के मंत्र का उच्चारण करने से धन की दिक्कत दूर होती है। शरद पूर्णिमा का पर्व बढ़ा ही उत्तम माना जाता है। इस दिन व्रत रखकर मनोकामना मांगने वालों की मनौतियां पूरी होती हैं। शरद पूर्णिमा की रात को दूध की खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रखने का विशेष महत्व है। खीर पर चंद्रमा से अमृत बरसता है। मान्यता है रातभर चांदनी पडने के बाद इस खीर का सेवन करने से शरीर को आरोग्य मिलता है। शरद पूर्णिमा की रात में रखी हुई खीर का सेवन दमा के रोगियों को काफी लाभकारी माना जाता है। श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने घाटों पर चाक चौबंद व्यवस्थाएं कीं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर घाटों पर पुलिसबल तैनात रहा। घाटों के किनारों पर गोताखोरों को भी तैनात किया गया। गंगा घाट पर अनहोनी से बचने के लिए संकेतक भी लगवाए गए।


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