सनातन धर्म केवल उपासना पद्धति नहीं जीवन पद्धति : सीएम  योगी

सनातन धर्म केवल उपासना पद्धति नहीं जीवन पद्धति




 गोरखपुर। आध्यात्मिक  विभूति  संतप्रवर भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार का 127  वाँ  जन्मोत्सव आश्विन कृष्ण द्वादशी बृहस्पतिवार को गीतावाटिका में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित श्रद्धार्चन सभा की अध्यक्षता करते  हुए मुख्यमंत्री व श्रीगोरक्षपीठाधीश्वर  योगी आदित्यनाथ महाराज ने कहा कि सनातन धर्म केवल उपासना पद्धति नहीं जीवन पद्धति है। भाईजी ने 'कल्याण' और गीता प्रेस के माध्यम से सनातन धर्म का उत्कृष्ट , सस्ता आध्यात्मिक साहित्य जन जन तक पहुंचाने का महान कार्य किया है । भाईजी सनातन धर्म के मूर्तिमान नक्षत्र थे। सन 1923 में गीता प्रेस की स्थापना के बाद जब हम स्वतंत्र नहीं थे उस समय हमारे पास संसाधनों का भी अभाव था। आज जैसे संसाधन नहीं थे। श्री भाईजी ने सीमित संसाधनों से जो शुरुआत  की, वह अब विराट वृक्ष बनकर करोड़ों लोगों के कल्याण का साधन बन गया है। गुलामी के उस  काल में सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक मूल्यों के बारे में सोचना और करना भाई जैसा महापुरुष ही कर सकता था। मुख्यमंत्री ने भाईजी के जीवन प्रसंग पर आधारित अंग्रेजी पुस्तक "Hanuman Prasad Poddar--An Exalted Divinity" ( Edited  by  Dr.O.P. Gupta)  तथा  "मधुरोपासना" ( लेखक - श्रीहनुमान प्रसाद पोद्दार ) का लोकार्पण किया। श्रद्धार्चन के बाद योगी ने भाई जी की समाधि का दर्शन किया।  मुख्य अतिथि डा. बालमुकुन्द पाण्डेय (राष्ट्रीय संगठन सचिव,अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना,नई दिल्ली) सारस्वत अतिथि प्रो अनंत मिश्र  ( पूर्व अध्यक्ष एवं आचार्य ,हिन्दी विभाग,दी० द० उ० गोरखपुर  विश्वविद्यालय),  विशिष्ट अतिथि प्रो० मुरली मनोहर पाठक आचार्य एवं अध्यक्ष ,संस्कृत विभाग,दी० द०उ०  गोरखपुर विश्वविद्यालय ने श्रीभाईजी के बहुआयामी जीवन चरित्र, उनके पवित्र आध्यात्मिक जीवन ,देशप्रेम, समाजसेवा के प्रसंगों की चर्चा करते  हुए  श्रीभाईजी को स्मरण किया। हनुमान प्रसाद पोद्दार स्मारक समिति के सचिव श्री उमेश कुमार सिंहानिया एवं संयुक्त सचिव श्री रसेन्दु फोगला ने योगीजी का स्वागत किया। मुख्य अतिथि, सारस्वत अतिथि, विशिष्ट अतिथि का स्वागत पुष्प गुच्छ देकर किया गया। कुमारी नीतू ओझा ने एकल भजन प्रस्तुत किया। श्उमेश कुमार सिंहानिया ने मुख्यमंत्री जी एवं अन्य सबके प्रति कृतज्ञता तथा आभार  ज्ञापन किया। श्रद्धार्चन का समापन राष्ट्रगीत से हुआ । मंच का संचालन डा० ओमजी उपाध्याय ने किया ।  महोत्सव का शुभारम्भ  प्रातःकाल शहनाई वादन से हुआ। सुबह श्रीभाईजी के पावन कक्ष में बधाई के पदों का गायन एवं संकीर्तन किया गया। दोपहर  में श्रीगिरिराज पूजन एवं भोग अर्पण के बाद भक्तों ने भण्डारे में महाप्रसाद ग्रहण किया। सायंकाल श्रीभाईजी की समाधि का पूजन एवं दीप मालिका का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। श्रीहरिकृष्ण दुजारी,श्रीदिनेश सिंहानिया, श्रीनितेश पोद्दार, श्रीअवनीश पाण्डेय, श्रीमनमोहन जाजोदिया, श्रीप्रमोद कुमार बाजपेयी, श्रीकनकहरि अग्रवाल आदि महानुभावों की सक्रियता उल्लेखनीय रही।  ज्ञातव्य है कि श्रीभाईजी की इस जयन्ती के उपलक्ष्य में आयोजित  128 श्रीमद्भागवत महापुराण के सामूहिक पारायण अनुष्ठान की पूर्णाहुति, हवन एवं प्रसाद वितरण का कार्यक्रम बुधवार को सायंकाल सम्पन्न हो गया। 


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