लाडली दिवस पर शहरी क्षेत्र में किशोरियों को दिया गया 450 ग्राम घी का पैकेट
स्कूल न जाने वाली 11-14 वर्ष की 1574 किशोरियों के लिए आया है घी
वेद प्रकाश पाठक, गोरखपुर
गोरखपुर। 28 सितम्बर 2019, शनिवार को लाडली आयोजित कार्यक्रम में किशोरियों को बांटा गया देशी घी का पैकेट। पोषण के दौरान सेहत पर खासतौर से फोकस है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने स्कूल न जाने वाली किशोरियों की सेहत का का खास ख्याल रखते हुए देशी घी का वितरण शुरू कराया है। लाडली दिवस के मौके पर शहरी क्षेत्र की किशोरियों को 450 ग्राम घी का पैकेट दिया गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह ने बताया कि जनपद की कुल 1574 किशोरियों के लिए देशी घी का यह पैकेट आया है जो पोषण माह में अलग-अलग मौकों पर वितरित किया जा रहा है।
शहरी बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि शहर में ऐसी 149 किशोरियां हैं जो स्कूल नहीं जाती हैं। जिन किशोरियों को घी का पैकेट नहीं मिल पाया है, उन्हें भी अतिशीघ्र देशी घी उपलब्ध करा दिया जाएगा। मुख्य सेविका मोहित सक्सेना ने बताया कि किशोरियों को चना, ज्वार और मूंग के पैकेट के साथ घी भी दिया जा रहा है। उन्हें बताया जा रहा है कि प्रतिदिन घी का सेवन दाल या रोटी के साथ करना है। घी में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन के और विटामिन ई जैसे शारीरिक विकास के लिए आवश्यक तत्व मिल जाते हैं जो किशोरियों की सेहत के लिए अति आवश्यक हैं।
शहरी क्षेत्र से जुड़ी किशोरी अनुष्का ने बताया कि उसे जुलाई महीने में भी घी का पैकेट दिया गया था। घी के सेवन के तौर तरीके भी बताए गए थे। सातवीं में पढ़ने वाली सेमरा नंबर एक वार्ड की अनुष्का पहले एनीमिक थी। खानपान में सुधार और आंगनबाड़ी किरण वर्मा की काउंसिलिंग से अब उसकी सेहत सुधरने लगी है। पिछले दिनों हुए एनीमिक कैंप में खून की जांच के दौरान उसका हिमोग्लोबिन 10 ग्राम पाया गया था।
चार हजार आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजन
जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह ने बताया कि जिले के चार हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों पर लाडली दिवस का आयोजन कराया गया है जहां हजारों की संख्या में किशोरियों ने हिस्सा लिया। उन्हें आयरन और फोलिक एसिड को गोलियां दी गयीं और उनके सेवन का तौर-तरीका बताया गया। इन गोलियों का सेवन खाली पेट नहीं करना है और न ही खाना खाने के एक घंटे पहले या एक घंटे बाद। किशोरियों को चना, गुड़, घरेलू आहार, हरी साग सब्जियों, पुष्टाहार से बने व्यंजन के खानपान की जानकारी दी गयी।
*51.7 फीसदी महिलाएं एनीमिक*
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएचएफएस)-04 के अनुसार जनपद में 15-49 वर्ष की आयु वर्ग में 51.7 फीसदी महिलाएं व किशोरियां एनीमिक हैं। इनमें 49.5 फीसदी महिलाएं व किशोरियां ग्रामीण क्षेत्रों की रहने वाली हैं।
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