मोदी-योगी देश के विकास पुरूष है: साध्वी उमा भारती

मोदी-योगी देश के विकास पुरूष है: साध्वी उमा भारती


वर्तमान युग में साधु-सन्तों को मठ-मन्दिरों से बाहर निकालकर देश और समाज के लिए काम करने का मार्ग इस पीठ ने दिखाया। भारत सरकार की पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री साध्वी उमा भारती जी  ने कहा कि मोदी.योगी देश के विकास पुरूष है। ये दो व्यक्ति नही बल्कि राष्ट्र के वैचारिक अधिष्ठान के प्रतिकूल है। इस पीठ के पीठाधीश्वरों को जन और धन का जीतना व्यापक समर्थन मिला उतना शायद ही किसी पीठ को मिला हो। लेकिन उस व्यापक जन समर्थन को इस पीठ ने राष्ट्र और समाज के हित में समर्पित कर दिया। इस पीठ के पीठाधीश्वर आध्यामिक परम्परा एंव ऊर्जा के प्रतिनिधि हैं। महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज एवं महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज इसी परम्परा के निर्माणकर्ता है। दिग्विजयनाथ जी को महाराणा प्रताप का वंशज बताते हुए कहा कि राष्ट्रहित में दिग्विजयनाथ जी महाराणा प्रताप जी की तरह ही सोचते थे।
उन्होंने आगे कहा कि ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज राष्ट्र के उन नायकों में से हैं जिन्होंने न केवल अध्यात्मिक क्षेत्र से भारत को उन्नत किया अपितु भारत को स्वतंत्रता दिलाने में अपनी महती भूमिका निभाई। इनके अन्दर सिद्धान्त के प्रति जबरदस्त आक्रामकता दिखती थी। कभी भी सिद्धान्तों के प्रति इन्होंने समझौता नहीं किया। राष्ट्र संत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज सैद्धान्तिक विनयशीलता के प्रतिमूर्ति थे। किसी भी प्रकार की समस्या लेकर जो भी व्यक्ति उनके पास आता था वे उसकी समस्या का बिना किसी भेद.भाव के त्वरित निदान करते थे। यह एक सन्त ही कर सकता है। दोनों ब्रह्मलीन महाराज को सच्ची श्रद्धान्जलि उनके वैचारिक अभियान को निरन्तर बढ़ाते रहना ही है। लोकसभा एवं विधानसभा में निष्पक्षए नीडर आवाज बनी है श्रीगोरक्षपीठ। राजनीति का शुद्धिकरण करने का अभियान महन्त दिग्विजयनाथ जी ने चलाया जो अनवरत अबतक श्रीगोरक्षपीठ की महन्त परम्परा का हिस्सा बन चुकी है।


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