हैमां शांति, शालीनता और समृद्धि के देवी हैं मां चंद्रघंटा

मां चंद्रघंटा देती हैं सौम्यता



मां चंद्रघंटा, मां दुर्गा का तीसरा रूप हैं। उनके सिर पर आधा चंद्रमा है, इसलिए मां को चंद्रघंटा कहा गया हैमां शांति, शालीनता और समृद्धि के देवी हैं। मां शक्ति और ऊर्जा का स्रोत हैं। उन्होंने दानव शक्तियों का नाश किया है। मां की आराधना करने पर भक्त को सुख, समृद्धि और आनंद की प्राप्ति होती है। मां हमेशा आध्यात्मिक लोगों की सहायता करती हैं।वह नकारात्मक शक्तियों को पराजित कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं। मां की आराधना करने मात्र से भक्त सभी तरह की चिंताओं से मुक्त हो जाता है। मां का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है। इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है। इनके दस हाथ हैं, जिनमें खड्ग, शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं। इनका वाहन सिंह है। इनकी मुद्रा युद्ध के लिए तैयार रहने की वाली होती है। मां चंद्रघंटा की कृपा से साधक के समस्त पाप और बाधाएं दूर होती हैं। मां चंद्र घंटा भक्तों के कष्ट का निवारण शीघ्र ही कर देती हैं। इनका उपासक सिंह की तरह पराक्रमी और निर्भय हो जाता है। इनके घंटे की ध्वनि सदा अपने भक्तों को प्रेतबाधा से रक्षा करती है। इनका ध्यान करते ही शरणागत की रक्षा के लिए इस घंटे की ध्वनि निनादित हो उठती है।


पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।


प्रसाद तनुते मह्यां चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥


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