गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की शोभा.यात्रा विजयादशमी को निकाली जाएगी

गोरक्षपीठाधीश्वर भगवान श्रीराम का करेंगे राजतिलक



गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभा.यात्रा विजयादशमी के दिन अपराह्न 4ः00 बजे श्री गोरखनाथ मन्दिर से निकलेगी जो अंधियारीबाग स्थित श्री मानसरोवर मन्दिर, रामलीला मैदान तक जायेगी। रामलीला मैदान में पहुॅचकर मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम का राजतिलक करेंगे।


गोरखपुर। श्रीगोरखनाथ मन्दिरए गोरखपुर में विजयादशर्मी का पर्व आश्विन शुक्ल दशमी सम्वत् 2076, 08 अक्टूबरए 2019 मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा। विजयादशमी ; शारदीय नवरात्र  श्री गोरखनाथ मन्दिर, गोरखपुर का महत्वपूर्ण त्योहार है। इस अवसर पर परम्परागत अनेक कार्यक्रम आयोजित होते है। गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभा.यात्रा विजयादशमी के दिन अपराह्न 4ः00 बजे श्री गोरखनाथ मन्दिर से निकलेगी जो अंधियारीबाग स्थित श्री मानसरोवर मन्दिर, रामलीला मैदान तक जायेगी। रामलीला मैदान में पहुॅचकर मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम का राजतिलक करेंगे ।
उक्त जानकारी श्रीगोरखनाथ मन्दिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ जी ने दी। उन्होंने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 29 सितम्बर को सायंकाल 5ः00 बजे कलश स्थापनाए 05 अक्टूबर को महानिशा पूजा एवं हवन तथा  दिनांक 07 अक्टूबर को महानवमी व्रत तथा 12ः00 बजे कुमारी कन्या पूजन एवं भोज का आयोजन होगा। विजयादशमी के दिन श्री गोरखनाथ मन्दिर में प्रातःकाल 09ः25 से श्रीनाथ जी का विशिष्ट पूजन गोरक्षपीठाधीश्वर द्वारा किया जायेगा।  तिलकोत्सव का कार्यक्रम अपराह्न 1ः00 बजे से 3ः00 बजे तक चलेगा तथा अपराह्न 4ः00 बजे से गोरक्षपीठाधीश्वर पूज्य महन्त योगी आदित्यनाथ जी महाराजए माननीय मुख्यमंत्रीए उत्तर प्रदेश के सानिध्य में शोभा.यात्रा निकलेगी। शोभा.यात्रा गोरखनाथ मन्दिर से निकलकर अंधियारीबाग स्थित मानसरोवर शिव मन्दिर पहुचेगी जहॉ पर गोरक्षपीठाधीश्वर द्वारा रूद्राभिषेक तथा अन्य देवविग्रहों के पूजन होगा। इसके उपरान्त शोभा.यात्रा रामलीला मैदान तक जायेगी जहॉ मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम का राजतिलक का कार्यक्रम तथा उपस्थित जनसमुदाय को पूज्य महाराज जी का आशीर्वचन होगा। तदुपरान्त शोभा.यात्रा पुराना गोरखपुर होते हुए वापस श्रीगोरखनाथ मन्दिर आयेगी और सायंकाल 7ः00 बजे सहभोज का आयोजन होगा।  पवित्र शारदीय नवरात्र में शक्ति संग्रह के लिए जगद्धात्री नवदुर्गा के विविध नवस्वरूपों की पूजा.अर्चना एवं दुर्गा सप्तशती का पाठ प्रतिदिन प्रातः एवं सायं 4ः00 बजे से 6ः00 बजे प्रतिपदा से नवमी तक होगा।


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