बगिया माई सबके दुख हरती हैं और जो भक्त श्रद्धा के साथ आते हैं उनकी मुरादें अवश्य पूरी होती हैं।

मन्नतें पूरी करती हैं बगिया वाली माई


     


शहर से सटे गांव सरा सेमरादेवी उर्फ कठौर के समीप स्थित बगिया माई की पूजा गांव वाले कई पुश्तों से करते हैंगांव वालों की ऐसी मान्यता है कि बगिया माई सबके दुख हरती हैंतकरीबन 25 साल पहले यहां वीरान बाग में सिर्फ एक पाकड़ का पेड़ और माता की पिंडी हुआ करता था। गांव वालों की इसमें खासी आस्था थी। गांव वालों की आस्था देख यहां शहर के अन्य हिस्सों से भी आना-जाना शुरू हुआ तब गांव वालों ने एक समिति बनाकर यहां मंदिर का निर्माण शुरू किया। अब, यहां एक भव्य मंदिर और उसमें बगिया माई समेत कई अन्य देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैंमंदिर निर्माण होने के बाद अब यहां गांव वालों की समिति तो निष्क्रिय हो चुकी है और मंदिर की देख रेख का काम बाबा लक्ष्मण दास करते हैं। अब यहां बड़ी संख्या में शहर के श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं और मुरादें पूरी होने पर माता को चढ़ावा चढ़ाते हैं। मंदिर के महंत बाबा लक्ष्मण दास ने बताया कि माता के मंदिर का निर्माण अनवरत रूप से जारी है श्रद्धालुओं द्वारा जो चढ़ावा दिया जाता है उसे दान पात्र में एकत्रित किया जाता है। बाबा लक्ष्मण दास बताते हैं कि यहां जो भक्त श्रद्धा के साथ आते हैं उनकी मुरादें अवश्य पूरी होती हैं। इसी का परिणाम है की तमाम श्रद्धालु मन्नतें पूरी होने पर यहां मंदिर निर्माण में सहयोग देते हैं और अपनी यथा शक्ति मंदिर के निर्माण में सहयोग देते हैं।


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